
संस्थाएं
गुरु दृष्टि की आराधना में समर्पित होकर करें कार्य
गुरुदेव तुलसी नैतिकता के पुरोधा संत थे। जीवन पर्यन्त मानव मात्र में नैतिकता और मानवीय मुल्यों की स्थापना हेतु सजग रहे। उनकी पावन समाधि गंगाशहर में है, और यह संस्थान उनकी स्मृति को जन-जन में चिर स्थायी रूप प्रदान करते हुए आध्यात्मिक गतिविधियों में संलग्न रहे। नये-नये कार्यक्रमों के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगो को जोड़े। उपरोक्त विचार उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमलकुमार जी ने नैतिकता के शक्तिपीठ की टीम के शपथ ग्रहण समारोह में व्यक्त किए।
मुनिश्री ने कहा कि गणेशमल बोथरा संघ भक्त और समर्पित श्रावक है। पूरा बोथरा परिवार पीढ़ियों से गण भक्त रहा है। पूज्य आचार्य श्री महाश्रमण जी की कृपा दृष्टि से इस बार अध्यक्ष पद का दायित्व मिला है। समाज के लोगों को साथ लेकर अच्छे से अच्छा कार्य करें, यही मंगलकामना है। मुनि श्रेयांसकुमार जी ने नायक की सफलता के गुणों का उल्लेख करते हुए मंगलकामना व्यक्त की। इससे पूर्व निवर्तमान अध्यक्ष हंसराज डागा ने आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान की विविध गतिविधियों और कार्य कलापों का विस्तार से वाचन किया और 2 साल मंत्री के रूप में और फिर 2 साल अध्यक्ष के रूप में किए अपने कार्यों के लिए गुरुदेव के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की और नये अध्यक्ष को शुभकामनाएँ प्रेषित की। नव मनोनीत अध्यक्ष गणेशमल बोथरा ने अपनी टीम की घोषणा करते हुए निवर्तमान अध्यक्ष हंसराज डागा से शपथ ग्रहण की। सत्र 2025-2027 के लिए उपाध्यक्ष किशन लाल बैद, जेठमल बोथरा, शुभकरण बोथरा, मंत्री दीपक आंचलिया, सहमंत्री दीपिका बोथरा, राजेन्द्र पारख एवं कोषाध्यक्ष भैरूदान सेठिया के नामों की घोषणा करते हुए 51 सदस्यों की कार्यकारिणी का गठन किया गया। अपने वक्तव्य में नव मनोनीत अध्यक्ष गणेशमल बोथरा ने आचार्यश्री के प्रति कृतज्ञता व्यक्त संस्थान के पूर्व अध्यक्षों का स्मरण किया। संस्थान के प्रधान न्यासी महावीर रांका ने इस अवसर पर गुरुदेव के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए नए अध्यक्ष एवं पूरी टीम को बधाई दी। कार्यक्रम का कुशल संचालन वरिष्ठ उपाध्यक्ष किशन बैद नें किया। आभार ज्ञापन मंत्री दीपक आंचलिया ने किया।