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आचार्य भिक्षु में था अप्रतिम साहस
चीकामंडी/ कैथल। साध्वी समन्वयप्रभाजी के सान्निध्य में चीकामंडी व कैथल सभा के संयुक्त तत्वावधान में भिक्षु अभिनिष्क्रमण कार्यक्रम मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वीश्री द्वारा नमस्कार महामंत्र से किया गया। मंगलाचरण किशोर मण्डल सदस्य मुदित जैन ने किया। युवक परिषद् एवं महिला मंडल द्वारा गीतिकाओं का संगान किया गया। कैथल सभा के अध्यक्ष अश्विन कुमार एवं भगवानदास ने अपने भाव प्रस्तुत किए।
साध्वी समन्वयप्रभा जी ने आचार्य श्री भिक्षु की शक्ति से संबंधित कुछ प्रसंग सुनाएं और कहा कि आज से लगभग 265 वर्ष पूर्व उन्होंने बगड़ी में अभिनिष्क्रमण किया। उन्होंने कितनी कठिनाई और विरोधों को झेला, उनमें बहुत ही साहस रहा होगा। हम सभी के भीतर संकल्प शक्ति पुष्ट होती रहे। साध्वी संयमप्रभाजी ने अपनी भावांजलि एक कविता के द्वारा, साध्वी चारुलता जी ने गीतिका के द्वारा प्रस्तुत की। कार्यक्रम में पटियाला व गोविन्दगढ मंडी से भी श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहे।