भीतरी विजय हेतु नया प्रस्थान करें

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पालघर, मुंबई।

भीतरी विजय हेतु नया प्रस्थान करें

तेरापंथ भवन में प्रोफेसर साध्वी मंगलप्रज्ञाजी के सान्निध्य में नववर्ष विक्रम संवत् 2082 के शुभागमन पर आध्यात्मिक शुभकामना कार्यक्रम का आयोजन तेरापंथ सभा, पालघर द्वारा किया गया। इस अवसर पर उपस्थित विशाल जैन तेरापंथ समाज को उद्‌बोधन प्रदान करते हुए प्रो. साध्वी मंगलप्रज्ञा जी ने कहा- आज नवसंवत्सर का प्रथम सूर्य नए संकल्पों के साथ उदित हुआ है। महाराष्ट्र प्रान्त में आज विशेष पारम्परिक उत्सव का भी दिन है। गुडी पडवा का अर्थ होता है-विजय की पताका। बाहरी विजय प्राप्ति की दिशा में अधिकतर लोगों का प्रयास रहता है। आवश्यकता है कि हम भीतरी विजय हेतु नया प्रस्थान करें। आन्तरिक शक्ति, शांति और आनन्द की उपलब्धि के लिए नवीन संकल्प और सृजनकारी पुरूषार्थ करें। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमने विजेताओं के धर्म को प्राप्त किया है। हम आत्मविजयी बनें। जीवन की खामियों को पहचान कर उन्हें कम करने का प्रयास करें।
साध्वीश्री ने परिषद को विशेष प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा- हर व्यक्ति वार्षिक संकल्प करें जब भी क्रोध आए तो कूल-कूल की अनुप्रेक्षा करें। पालघर में नववर्ष पर वृहद मंगल पाठ का आयोजन सबके लिए हितकारी हो। संघ की उन्नति के लिए हम निरन्तर शक्ति का नियोजन करते रहें। गुरु दृष्टि की आराधना करते हुए कदम-दर-कदम आगे बढ़‌ते रहें। इससे पूर्व प्रो. साध्वी मंगलप्रज्ञा जी के नमस्कार मंत्रोच्चार के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। साध्वी सुदर्शनप्रभा जी और साध्वी अतुलयशा जी ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। नववर्ष के शुभागभन पर प्रेरणा गीत का संगान साध्वी वृन्द ने किया। पालघर, तेरापंथ सभा अध्यक्ष चतर तलेसरा ने स्वागत स्वर प्रस्तुत किए। तेरापंथ युवक परिषद कांदिवली अध्यक्ष राकेश सिंघवी और मलाड तेयुप अध्यक्ष जयन्ती मादरेचा ने विचार प्रस्तुत किए। साध्वी राजुल प्रभा जी ने कहा- नए वर्ष में हमें नए निर्माण का संकल्प लेना है। अपनी सोच को मंगलमय बनाना है। उन हाथों को भी नमन करना है, जिन्होंने हमारा निर्माण किया है। पालघर, तेरापंथ सभा मंत्री दिनेश राठौड़ ने आभार जताया। साध्वी डॉ शौर्य प्रभा जी ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया।