पॉजिटिव एवं पीसफुल  थे भिक्षु

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बैंगलोर।

पॉजिटिव एवं पीसफुल थे भिक्षु

बैंगलोर। शांतिनगर स्थित हेरिटेज अपार्टमेंट में साध्वी पावनप्रभाजी के सान्निध्य में श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा द्वारा निर्देशित 266 वां भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस का आयोजन तेरापंथ सभा गांधीनगर बैंगलोर द्वारा किया गया। साध्वी पावनप्रभाजी जी के द्वारा नमस्कार महामंत्र से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम दो चरणों में आयोजित हुआ। प्रथम चरण में 45 मिनट ‘भिक्खू स्याम’ का सवा लाख जप अनुष्ठान करवाया गया। द्वितीय चरण में मंगलाचरण शांति नगर की बहनों द्वारा किया गया। साध्वी पावनप्रभा जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज रामनवमी है। आज के दिन राम का जन्म हुआ था।
आचार्य भिक्षु ने भी अभिनिष्क्रमण किया और तेरापंथ का जन्म हो गया। तेरापंथ धर्मसंघ आचार्य भिक्षु की धर्म क्रांति का प्रतिफल है। ‘प्रसन्नात्मा भिक्षु नयनमवतारम नयतु मे’ का विवेचन करते हुए साध्वीश्री ने कहा - भिक्षु हर परिस्थिति में प्रसन्न रहे। अनुकूल व प्रतिकूल परिषहों को अपने फौलादी संकल्पों से सहन किया। उनका जीवन पॉजिटिव एवं पीसफुल था। साध्वी उन्नतयशा जी ने वक्तव्य के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए। साध्वी रम्यप्रभाजी ने कविता के माध्यम से अपने भाव व्यक्त किए। साध्वीवृन्द ने समवेत स्वरों से सामूहिक गीतिका की प्रस्तुति दी। सभा अध्यक्ष पारसमल भंसाली ने स्वागत वक्तव्य दिया। सभा मंत्री विनोद छाजेड़ ने साध्वीश्री जी के प्रति कार्यक्रम में सानिध्य प्रदान कराने हेतु कृतज्ञता ज्ञापित की। इस अवसर पर अरुणा संचेती ने अपने विचार व्यक्त किए। मंत्री राकेश चोरड़िया ने आभार व्यक्त किया।अर्चना सुराणा एवं ममता घोषल के निर्देशन में ज्ञानशाला के बच्चों द्वारा सुंदर नाटिका प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम संयोजक जितेंद्र घोषल ने कुशल संचालन किया। तेरापंथ युवक परिषद इस अवसर पर महासभा से गौतम सेठिया, युवक परिषद अध्यक्ष विमल धारीवाल, कमलेश झाबक एवं श्रावक-श्राविका समाज उपस्थित थे।