आचार विचार के पालन के लिए तत्पर थे भिक्षु

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राजलदेसर।

आचार विचार के पालन के लिए तत्पर थे भिक्षु

राजलदेसर। ‘शासनश्री’ साध्वी मानकुमारी जी ने 266वें भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा - आचार्य भिक्षु महान थे, आज के दिन उन्होंने एक धर्म क्रांति की। भगवान महावीर की आगम वाणी पर उनकी अटूट श्रद्धा थी। वे शुद्ध आचार विचार का पालन करने के लिए तत्पर थे। वे ऐसे वीर पुरुष थे जो कभी संघर्षों से विचलित नहीं हुए बल्कि सत्य के राजमार्ग पर अविचल बढ़ते रहे। ‘आत्मा रा कारज सारस्या मर पूरा देस्यां’ उनका यह चिंतन उनकी आध्यात्मिक निर्मलता को प्रकट करता है।
हम आचार्य भिक्षु के पद चिन्हों पर आगे बढ़ते हुए आत्मा को उज्ज्वल बनाते रहें। इस अवसर पर ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने 'अलबेले भिक्षु' पर सुंदर प्रस्तुति प्रस्तुत की। साध्वी कीर्तिरेखा जी, साध्वी स्नेहप्रभा जी, साध्वी कमलयशा जी व साध्वी चैत्यप्रभा जी ने गीत व वक्तव्य के द्वारा अपने आराध्य की अभ्यर्थना की। तेरापंथ महिला मंडल की मंत्री रीना बैद, प्रेमदेवी विनायक, हेमलता बैद, मोनिका बैद, ममता कुंडलिया तथा भानुप्रिया दुगड़ ने भावाभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम का शुभारंभ कन्या मंडल ने भिक्षु अष्टकम् से किया। कार्यक्रम का कुशल संयोजन साध्वी इन्दुयशा जी ने किया।