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266वें भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस पर विविध कार्यक्रम
साध्वी रचनाश्री जी के सान्निध्य में आचार्य भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस श्रद्धा, भावना एवं उत्साह के साथ मनाया गया। साध्वी रचनाश्री जी ने अपने उद्बोधन में कहा- इस अवसर्पिणी काल में एक ऐसे महापुरुष प्रकट हुए जिनका जीवन लक्ष्य केवल सत्य की प्राप्ति था – वे थे आचार्य भिक्षु। जब उन्होंने मुनि अवस्था में भगवान महावीर की वाणी से गुम्फित आगमों का अध्ययन किया, तो उन्हें बोध हुआ कि उनकी साधना आगम सम्मत नहीं है। उन्होंने गुरु रघुनाथ जी से समाधान की जिज्ञासा की, किंतु वह समाधान उन्हें संतुष्ट नहीं कर सका।” साध्वीश्री जी ने आगे कहा, “संयोगवश राजनगर की घटना ने उन्हें आगमों पर पुनर्विचार का अवसर दिया। इस घटना ने उन्हें अंतर्बोध दिया और उन्होंने निडरता के साथ अभिनिष्क्रमण किया। संघर्ष और साधना से तेरापंथ का अमृत निकला, जो आज हम सबके लिए साधना का राजमार्ग बना है।” कार्यक्रम में साध्वीवृंद द्वारा सुमधुर गीत प्रस्तुत किया गया। महिला मंडल द्वारा भक्ति गीत की मनोहारी प्रस्तुति दी गई। साथ ही वर्षीतप पूर्ण करने वाली बहनों का सम्मान किया गया। सभा के अध्यक्ष लाभचंद बोहरा ने अपने विचार साझा करते हुए आचार्य भिक्षु के जीवन से प्रेरणा लेने का संदेश दिया। कार्यक्रम का संचालन धर्मेन्द्र मेहता ने किया।