266वें भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस पर विविध कार्यक्रम

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266वें भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस पर विविध कार्यक्रम

‘शासन गौरव’ साध्वी कनकश्रीजी के सान्निध्य में आचार्यश्री भिक्षु का 266वां अभिनिक्रमण समारोह भक्ति की अभिनव ऋचाओं के साथ सम्पन्न हुआ। श्यामनगर स्थित भिक्षु साधना केन्द्र के द्वि-शताव्दी वर्ष के संदर्भ में 65 वर्ष पूर्व बगडी में आयोजित स्मृतियों को साझा करते हुए गुरूदेव श्री तुलसी द्वारा समुच्चारित गीत प्रभो! तुम्हारे पावन पथ पर का संगान किया।
आपने कहा - आचार्य श्री भिक्ष धर्मक्रांति के पुरोधा थे। वे महान तत्वदर्शी थे। सत्यत्कत्व के खोजी थे। वे महान ध्यान योगी थे, सिद्ध पुरूष थे। व्यक्तित्व निर्माण, साहित्य निर्माण के कुशल शिल्पी थे। संगठन की स्वस्थता एवं चिरंजीविता के महान मंत्रदाता थे। वर्तमान के संदर्भ में साध्वीश्री ने श्रावक समाज को गुरूदृष्टि की आराधना एवं संघीय जीवन में एकता और अनुशासन की प्रेरणा दी।
साध्वी मधुलेखा जी, साध्वी संस्कृतिप्रभा जी ने आचार्यश्री भिक्षु के प्रति श्रद्धाभिव्यक्ति समर्पित की। साध्वी समितिप्रभा जी ने साध्वी प्रमुखाश्री कनकप्रभाजी द्वारा रचित कविता प्रस्तुत की। तेरापंथी सभा जयपुर के अध्यक्ष शांतिलाल गेलड़ा, आचार्य श्री भिक्षु समाधि स्थल संस्थान सिरियारी के महामंत्री मर्यादा कोठारी, संदीप भंडारी आदि ने वक्तव्य, गीत के माध्यम से अपने अराध्य के चरणों में अभ्यर्थना की। कार्यक्रम का सुंदर संचालन महिला मंडल सी स्कीम की अध्यक्षा प्रज्ञा सुराणा ने किया।