266वें भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस पर विविध कार्यक्रम

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266वें भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस पर विविध कार्यक्रम

जैन श्वेतांबर तेरापंथ के संस्थापक एवं धर्म क्रांति के जनक आचार्य श्री भिक्षु के 266वें अभिनिष्क्रमण दिवस को जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, उधना के तत्वावधान में तेरापंथ भवन, उधना में श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सामूहिक सामायिक एवं जप अनुष्ठान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सभा अध्यक्ष निर्मल चपलोत के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने कहा - आचार्य भिक्षु ने आगम साहित्य का गहन अध्ययन कर धर्म के शुद्ध स्वरूप को समाज के समक्ष प्रस्तुत किया। आज तेरापंथ की जो प्रतिष्ठा है, उसमें उनके त्याग, समर्पण और बलिदान की अमिट छाप है। प्रवक्ता उपासक अर्जुन मेड़तवाल ने अपने वक्तव्य में आचार्य भिक्षु के संघर्षमय जीवन की झलक प्रस्तुत करते हुए कहा कि आचार्य भिक्षु एक महान कर्मयोगी थे। उन्होंने धर्म में व्याप्त शिथिलाचार और अनुशासनहीनता का विरोध किया। सामाजिक बहिष्कार, भोजन और पानी की कमी, तथा रहने के लिए स्थान न होने जैसी कठिन परिस्थितियों में भी वे डटे रहे और धर्म सुधार की मशाल जलाए रखी। उनका जीवन संयम, संकल्प और सिद्धांत का प्रतीक बन गया। उपासक नेमीचंद कावड़िया एवं ललित कच्छारा ने सुमधुर गीतिकाओं के माध्यम से आर्य भिक्षु को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं की भागीदारी रही। संचालन सभा मंत्री मुकेश बाबेल ने किया।