मात्र 85 दिन में की दो बड़ी तपस्याएँ

संस्थाएं

गंगाशहर।

मात्र 85 दिन में की दो बड़ी तपस्याएँ

उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमलकुमार जी के सहवर्ती मुनि नमिकुमार जी ने गंगाशहर में मात्र 85 दिनों के भीतर 39 दिन और 23 दिन की दो बड़ी तपस्याएँ कर सभी को विस्मित कर दिया। इससे उनकी कर्म निर्जरा तो हुई ही, साथ ही तेरापंथ धर्मसंघ की प्रभावना भी हुई। इस ऐतिहासिक अवसर पर मुनि कमलकुमार जी ने तपस्वी मुनिश्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुनि नमि कुमारजी की साधना अभी और आगे बढ़ने की थी, लेकिन मैंने उन्हें 39 तक की तपस्याओं की जो लड़ी अधूरी थी, उसे पहले पूर्ण करने का सुझाव दिया। अब 17, 22 और 24 दिन की तीन तपस्याएं शेष हैं। इन तीनों के साथ 39 की संपूर्ण लड़ी पूर्ण हो जाएगी।
इस अवसर पर मुनिश्री ने तपस्या की अनुमोदना करते हुए स्वरचित गीतिका का सस्वर संगान कर तप वर्धापन किया। कार्यक्रम में मुनि श्रेयांसकुमार जी, मुनि विमलविहारी जी, मुनि प्रबोध कुमार जी, मुनि मुकेशकुमार जी ने अपने विचारों के साथ तप अनुमोदना की। मुनि प्रबोधकुमार जी ने साध्वी परमयशा जी और साध्वी विनम्रयशा जी के विचारों का वाचन किया। तो लाराम सामसुखा, धर्मेंद्र डाकलिया, मनोज छाजेड़, आराध्या गोलछा आदि ने गीत और उत्साहवर्धक वक्तव्यों से वातावरण को आध्यात्मिक उल्लास से भर दिया।