2624वें भगवान महावीर जन्म कल्याणक पर श्रद्धासिक्त कार्यक्रम

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चितांबा

2624वें भगवान महावीर जन्म कल्याणक पर श्रद्धासिक्त कार्यक्रम

भगवान महावीर के 2624वें जन्म कल्याणक महोत्सव के अवसर पर चितांबा में आयोजित भव्य कार्यक्रम में साध्वी कीर्तिलता जी ने कहा - भगवान महावीर का संसार सोने के समान वैभवशाली था, परंतु उन्होंने उसे हँसते-हँसते त्याग दिया। वैभव चाहे जितना भी महान क्यों न हो, त्याग उससे कहीं अधिक महान होता है। जिसने वैभव इकट्ठा किया, वह सिकंदर बना और जिसने त्याग दिया, वह महावीर बना। कार्यक्रम में साध्वी शांतिलता जी ने कहा कि भगवान महावीर ने उस समय की अनीति और अव्यवस्था को दूर कर नीति और सत्य की राह दिखाई। साध्वी पूनमप्रभा जी ने मधुर गीत प्रस्तुत किया, वहीं साध्वी श्रेष्ठप्रभा जी ने अनेकांतवाद के सिद्धांत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यदि हम इसे अपने जीवन में आत्मसात करें, तो किसी भी प्रकार के विवाद की गुंजाइश नहीं रहेगी। कार्यक्रम में ममता जैन, पलक भटेवरा और सुमित्रा बरड़िया ने भगवान महावीर के जन्म का सुंदर मंचन प्रस्तुत किया। जैनेतर समाज के युवकों ने भगवान महावीर के 14 स्वप्नों का प्रभावशाली प्रदर्शन कर दर्शकों की सराहना प्राप्त की। कार्यक्रम का शुभारंभ गहरी दंपतियों द्वारा मंगलाचरण और भगवान महावीर की अभिवंदना से हुआ। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा चितांबा के अध्यक्ष संजय मांडोत ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया और कहा कि चितांबा में इस प्रकार का आयोजन समरसता और आध्यात्मिक चेतना को सुदृढ़ करता है। इस कार्यक्रम में लगभग 47 गांवों से श्रद्धालु उपस्थित रहे। महासभा के उपाध्यक्ष निर्मल गोखरू ने अध्यक्षता करते हुए सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिम्मत मांडोत, अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पवन मांडोत, तुलसी निकेतन समिति, उदयपुर के अध्यक्ष सुरेश दक, प्रज्ञा शिखर टाटगढ़ साहित्य संस्थान के अध्यक्ष देवराज आच्छा एवं कॉन्फिडेंट पब्लिक स्पीकिंग के राष्ट्रीय प्रशिक्षक अरविंद मांडोत ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम के अंतिम चरण में बेंगलुरु से समागत भजन गायक संदीप बरड़िया ने भक्तिमय संध्या में अपनी मधुर प्रस्तुति दी।