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नव वर्ष के उपलक्ष्य में वृहद् मंगलपाठ का आयोजन
कांकरोली। साध्वी रचनाश्री जी के सान्निध्य में विक्रम संवत् 2082 के नववर्ष पर वृहद् मंगल पाठ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। साध्वीश्री द्वारा भक्तामर स्तोत्र, उपसर्गहर स्तोत्र, विविध मंत्रों एवं गीतों के साथ-साथ नमस्कार महामंत्र का रंग और केन्द्रों सहित जप का प्रयोग कराते हुए श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभूति से भर दिया गया। अपने संबोधन में साध्वीश्री ने कहा- यदि हम नववर्ष को सचमुच मंगलमय बनाना चाहते हैं तो इसके लिए शुभ संकल्पों की आवश्यकता है। तीर्थंकरों और आचार्यों द्वारा प्रदत्त सूत्र हमारे जीवन का मार्गदर्शन कर सकते हैं। चार वस्तुएँ हैं जो कभी वापस नहीं आतीं – कमान से निकला तीर, बीता हुआ समय, खोया हुआ अवसर, और मुँह से निकला शब्द। अतः समय को पहचानो, अवसर को साधो और इस नववर्ष को शुभ संकल्पों के साथ सार्थक बनाओ। साध्वी गीतार्थप्रभा जी ने नववर्ष के स्वागत में कविता पाठ किया।