जैन वाङ्ममय वास्तु दर्शन कार्यशाला का आयोजन

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ऐरोली, नवी मुंबई।

जैन वाङ्ममय वास्तु दर्शन कार्यशाला का आयोजन

युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि कुलदीप कुमार जी के सान्निध्य में ‘जैन वास्तु में आरोग्य’ कार्यशाला की समायोजना हुई। मुनि श्री ने कहा- स्वास्थ्य के सूत्रों को जानकर उन्हें जीवन में उतार कर अक्षय सुख को प्राप्त करें। मुनि मुकुल कुमार जी ने अपने वक्तव्य में कहा-जैन वास्तु में इमोशनल कारणों की समग्रता से विवेचना की गई है। जितनी भी समस्या है वो मानसिक विकृति से उत्पन्न होती है। काम से वात रोग, लोभ से कफ रोग एवं क्रोध से पित्त रोग की उत्पत्ति होती है। मंत्र चिकित्सा, रंग चिकित्सा एवं हस्ताक्षर चिकित्सा से शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक आरोग्य को प्राप्त कर स्वस्थ दीर्घायुष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
इससे पूर्व कार्यक्रम का मंगलाचरण महिला मंडल की बहनों ने किया। तेरापंथ सभा ऐरोली के अध्यक्ष सुरेश मोटावत ने स्वागत वक्तव्य दिया। तेयुप कांदिवली के अध्यक्ष राकेश सिंघवी ने अपने विचार व्यक्त किये। आभार ज्ञापन तेयुप ऐरोली के अध्यक्ष मुकेश बेताला ने किया, कार्यक्रम का कुशल संचालन कर्मठ कार्यकर्ता धीरज बोहरा ने किया। इस कार्यक्रम में अनेक क्षेत्रों से श्रावक समाज की विशाल जनसंख्या में उपस्थिति रही।