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प्रेक्षा ध्यान, जीवन-विज्ञान और साहित्य के महान आचार्य को 16वें महाप्रयाण दिवस पर विविध कार्यक्रम
आचार्य श्री महाप्रज्ञ का 16वाँ महाप्रयाण दिवस डॉ. समणी ज्योतिप्रज्ञा जी एवं डॉ. समणी मानसप्रज्ञा जी के सान्निध्य में श्रद्धाभाव से मनाया गया। समणी ज्योतिप्रज्ञा जी ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ जी की वाणी मधुर, विचार गहन और दृष्टि अत्यंत व्यापक थी। उन्होंने संयम, सेवा, सच्चाई और नैतिकता के पथ पर चलने की प्रेरणा दी। समणी जी ने आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी के शब्दों को उद्धृत करते हुए कहा - 'जब तक हम भीतर की यात्रा नहीं करेंगे, तब तक बाहर की कोई मंज़िल सच्ची मंज़िल नहीं होगी।' इस अवसर पर महासभा आंचलिक प्रभारी छत्रपाल जैन, होम्योपैथिक चिकित्सक सोहन जैन एवं गणमान्य व्यक्तियों के साथ महिला मंडल, ज्ञानशाला के बच्चे तथा चांदोतारा के युवक-युवतियों ने सक्रिय सहभागिता निभाई। कार्यक्रम में भावपूर्ण कव्वाली प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. समणी मानसप्रज्ञा जी द्वारा किया गया।