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रह रह ओळ्यूं आवै जी
रह रह ओळ्यूं आवै जी क... रह रह…
साध्वी मदन सिरी रो गौरव जन-जन गावै जी।
म्हानै याद सतावै जी।।
बीदासर बैदां कुल माता लक्ष्मी कूख उजाली।
इन्दर चन्द जी तात गृहांगण, आई भोर रूपाली।।1।।
संवत बराणुं में जनम्या, संवत् नौ में दीक्षा।
पुर सरदारशहर तुलसी मुख पूरी हुई अभिप्सा।।2।।
महासति लाडां कर लुंचन, रायकंवर सह विचरया।
कानकंवर भगिनी द्वय सेवा, स्वर्ण कसौटी निखरया।।3।।
तन कपड़ै ज्यूं रहया साथ में, साता पूरी दिन्ही।
वसुमतीजी री परिचर्या, बालक सम थे किन्ही।।4।।
करी सदा अग्लान भाव स्यूं मौकै मौके सेवा।
उण सेवा रा मानो खाया, अन्तिम तक थे मेवा।।5।।
ठिकाणै रा ठाकर बाज्या, म्हारा अति उपकारी।
जद-जद आती मिलण आपस्यूं, कलियां खिलती सारी।।6।।
बा मिसरी सी मधुरी बोली, शिक्षावां हितकारी।
कदे न भूलीजै खिण भर भी, मोहक मूरत थांरी।।7।।
प्रेरक जीवन, प्रेरक चिन्तन, करता बात विचारी।
समाधि केन्द्र ने सदा अखरसी, कमी आपरी भारी।।8।।
बूढापै में जाणक थांरो, चक्र वृहस्पति खुलग्यो।
ढालां जोर बणाता गाता, अन्तर दिवलो चसग्यो।।9।।
गुरुदृष्टि आराधन-साधन, सजग नीति में पूरा।
नेड़ा होकर भी म्हे रहग्या, आखिर थांस्यूं दूरा।।10।।
सोच्यो म्हे तो सांडवा स्यूं, पाछा आता रहस्यां।
घणा दिनां तक बीदासर रह, मन री बातां कहस्यां।।11।।
पण सोच्योंड़ी हुई न पूरी, दिल री आस अधुरी।
ऊपर जाकर करज्यो सतिवर, अब संभाल सनूरी।।12।।
भाणेजी सति मंजुयशा री, सखर चाकरी दूजी।
सेवाभावी सतियां सारा, यश शहनाई गूंजी।।13।।
महाश्रमण युग चौविहार, अनशन कर नैया तारी।
महाप्रज्ञ री पुण्यतिथि नै, अन्तिम बाजी मारी।।14।।
वर्ष बहोत्तर भैक्षवगण में, रची ख्यात मनहारी।
धन्य धन्य सति मदन सिरी जी, जावां म्हे बलिहारी।।15।।
हंसता खिलता रहता हरदम, निर्भय निरहंकारी।
'संघप्रभा' सह सोम प्रांशु भी, गावै ढ़ाल गुणां री।।16।।
राय-कान रै सिंघाड़ै री, आ मजबूत निशाणी।
सुख समाधिमय जीवन जीयो, बणगी अमर कहाणी।।17।।
शासन माता कनकप्रभा रो, अमरित मोच्छब निरख्यो।
साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभा, विभा लख मनडो हरख्यो।।18।।
साध्वी प्रमुखा तीन, तीन आचार्यां रो बरतारो।
अग्रगण्य भी तीन, स्वयं फिर, याद करे पड़िहारो।।19।।
चौदह वर्षां रहयो सजोरो, बीदाणै थिरवासो।
मघवा समवसरण स्यूं पलट्यो, थान सुथान सूपाशो।।20।।
संवत बंयासी गुरुवारे, बिद ग्यारस बैशाखी।
निशि में दिशि सुरपुर री लिन्ही, दिखला अन्तिम झांकी।।21।।
लय - बाबा बेग पधारो जी क...