आचार्य महाश्रमणः अध्यात्म के 'सुपरस्टार', करुणा के 'यूनिवर्स'- 64 वां स्वर्णिम वर्ष

रचनाएं

साध्वी केवलयशा

आचार्य महाश्रमणः अध्यात्म के 'सुपरस्टार', करुणा के 'यूनिवर्स'- 64 वां स्वर्णिम वर्ष

लाडनूं की पावन धरा पर, हम एक ऐसे व्यक्तित्व का 64वां जन्मदिन मना रहे हैं, जिन्होंने अध्यात्म को भी 'कूल' बना दिया है, वे हैं- हमारे गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमण। वे न केवल जैन धर्म के ध्वजवाहक हैं, बल्कि करुणा और सेवा के 'ब्रांड एंबेसडर' भी हैं, जिन्होंने लाखों दिलों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है।
टेक्निकल गुरु :
ज्ञान का 'हाई-स्पीड' इंटरनेट
आचार्यश्री के प्रवचन किसी 'हाई-स्पीड' इंटरनेट कनेक्शन की तरह हैं। ज्ञान का अथाह सागर, जो हर जिज्ञासा को तुरंत शांत कर देता है। उनके पास हर सवाल का ऐसा 'अपडेटेड' वर्जन मौजूद है, जो हमारी आधुनिक सोच को भी टक्कर देता है। और उनकी याददाश्त? किसी 'टेराबाइट' स्टोरेज डिवाइस से कम नहीं, जहाँ अनगिनत अनुभव, अनगिनत शास्त्र और ज्ञान के सूत्र सुरक्षित हैं।
मनोरंजन का तड़का :
'आचार्यजी के अनसुने किस्से'
वैसे तो आचार्यश्री गंभीरता और साधना के प्रतीक हैं, लेकिन उनके सान्निध्य में रहने वालों को उनकी हास्य की हल्की फुहारें महसूस होती रहती हैं। एक बार, जब वे किसी गाँव में प्रवचन दे रहे थे, तो एक छोटा बच्चा बार-बार मंच के पास आ रहा था। किसी ने उसे टोका तो आचार्यश्री ने मुस्कुराकर कहा, 'लगता है, यह बालक भी आध्यात्मिक 'लाइव अपडेट' का बहुत बड़ा फैन है।' उनकी इस सहज टिप्पणी से सभी हँस पड़े। ऐसे छोटे-छोटे पल उनके व्यक्तित्व में एक मानवीय रंग भर देते हैं।
एक और घटना याद आती है, जब एक शिष्य ने उनसे पूछा कि मन को कैसे वश में किया जाए। आचार्यश्री ने मुस्कुराते हुए कहा, 'जैसे लोग अपने मोबाइल के नोटिफिकेशन्स को मैनेज करते हैं, वैसे ही अपने मन के विचारों को भी फिल्टर करना सीखो। ज़रूरी को रखो, बाकी को 'स्वाइप लेफ्ट' कर दो।' इस उदाहरण से जटिल बात भी आसानी से समझ में आ सकती है।
शिक्षा की 'एप':
ज्ञान हर हाथ में
आचार्यश्री प्रत्यक्ष रूप से स्कूल भले ही न चलाते हों, लेकिन आध्यात्मिक शिक्षा के प्रति उनका दृष्टिकोण किसी 'मोबाइल एप' की तरह है - ज्ञान हर किसी के लिए सुलभ और आसान होना चाहिए। उनके (आचार्य तुलसी, आचार्य महाप्रज्ञ, आचार्य महाश्रमण) के नाम से स्थापित शिक्षा केंद्र इसी 'एक्सेसिबिलिटी' के सिद्धांत पर काम कर रहे हैं, जहाँ हर वर्ग के विद्यार्थी ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। हमारे लिए आपकी शिक्षा एक ऐसा 'एप' है, जो हर व्यक्ति के जीवन के हर मोड़ पर सही 'नोटिफिकेशन' भेजता है, सही राह दिखाता है।
सेवा का 'क्लाउड' :
करुणा हर जगह
सेवा के क्षेत्र में आचार्यश्री का योगदान किसी 'क्लाउड' नेटवर्क की तरह है - प्रेरणा हर जगह फैली हुई है और जिस किसी क्षेत्र में तेरापंथ धर्मसंघ के सदस्य जरूरतमंद साधु-साध्वियां हो वहां तक मदद पहुँच रही हैं। आपश्री के अंतरंग परिवार से ही परस्पर सेवा कार्य हो रहा है, आचार्य महाश्रमण स्वयं मैनेजमेंट करें रहे हैं। सेवा चाहे शारीरिक हो, चाहे मानसिक या आध्यात्मिक, सेवा में सहयोग मिल रहा है। यह सब आपके करुणा के 'सर्वर' से ही संचालित हो रहा है। आपका जीवन स्वयं एक 'सर्विस मॉडल' है, जो निस्वार्थ सेवा का महत्व सिखाता है।
एक शिष्या का 'फीडबैक ':
अनंत कृतज्ञता
गुरुदेव, आपको शत-शत नमन! आपकी करुणा हमारा 'एंटीवायरस' है, जो हमें नकारात्मकता से बचाता है। और आपका आशीर्वाद हमारा 'बैकअप' है, जो हमें हर मुश्किल में सहारा देता है। हम अपने जीवन का हर पल आपको समर्पित करते हैं।
मंगलकामनाओं का 'अपलोड':
आपके चरणों में प्रार्थना
हे गुरुदेव! आपके 64वें जन्मदिन पर हम सबकी यही मंगलकामना है कि आपकी 'इंटरनल बैटरी' हमेशा फुल रहे, आपका 'सिग्नल' हमेशा मजबूत रहे और आपका ज्ञान का 'डेटा' हम तक हमेशा पहुँचता रहे। आपका जीवन हम सभी के लिए एक प्रेरणादायक 'रोल मॉडल' बना रहे।
तो, यह हैं हमारे आचार्य महाश्रमण -
एक ऐसी आध्यात्मिक शक्ति जो 64 वर्षों से न केवल हमें ज्ञान का 'पासवर्ड' दे रही है, बल्कि करुणा के 'फायरवॉल' से हमारी रक्षा भी कर रही है। उनका जीवन एक खुली किताब है, जिसका हर पृष्ठ संपूर्ण मानव जाति को बेहतर इंसान बनने की प्रेरणा देता है। आइए, इस विशेष दिन पर हम सब मिलकर उनके दिखाए 'अपग्रेड' के बटन को दबाएं और अपने जीवन को प्रेम, सेवा और ज्ञान के नए संस्करण में बदल दें। युगों-युगों तक उनकी प्रेरणा का 'सिग्नल' हम तक पहुँचता रहे।
''आधुनिकता के दौर में भी, श्रद्धा का भाव है अनमोल।
आपके ज्ञान के प्रकाश में साध्वी केवलयशा, अर्पित करती कृतज्ञता के बोल।
आपश्री के गाइडेंस की लाइट में लाइफ का हर लेसन है ब्राइट,
हमेशा रहेंगे आपके आभारी, गुरुदेव! यही हमारी हार्टफेल्ट राइट।।''