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तनाव प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन
हैबिटेट एलिट परिसर में साध्वी डॉक्टर गवेषणाश्री जी के सान्निध्य में ''कैसे हो तनाव मुक्त जीवन'' विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वीश्री द्वारा नवकार मंत्र के सामूहिक उच्चारण से हुआ। सिकंदराबाद सभा के एडवाइजरी सदस्य विमल पुगलिया ने सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुए स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। साध्वी डॉ. गवेषणाश्रीजी ने अत्यंत सहज एवं सारगर्भित उदाहरणों के माध्यम से समझाया कि व्यक्ति को अपने सोचने के तरीके में सकारात्मक परिवर्तन लाना चाहिए। हमारे भीतर जो ऊर्जा है, उसका उपयोग हमें सकारात्मक चिंतन की दिशा में करना चाहिए। उन्होंने बताया कि यदि हम तनाव में रहते हैं तो मस्तिष्क की कोशिकाएं प्रभावित होती हैं और हमारी चिंतन शक्ति कमजोर पड़ जाती है। हमें अपनी सकारात्मक सोच के माध्यम से आत्मिक विकास के पुष्प खिलाने चाहिए। उन्होंने जीवन में Be Happy की प्रेरणा देते हुए समझाया कि परिवार और समाज को साथ लेकर चलना, सभी को प्रसन्न रखते हुए आगे बढ़ना आवश्यक है। स्व-प्रबंधन के लिए जरूरी है कि हम स्वयं को व्यवस्थित करें, अपने ऊपर अनुशासन रखें और अपने भाव, विचार एवं इंद्रियों को संयमित करें। तभी हम एक अनुशासित जीवन जी सकते हैं।
कार्यशाला में प्रतिभागियों को 5 मिनट के ध्यान अभ्यास के माध्यम से तनाव निवारण का व्यावहारिक अनुभव भी करवाया गया। साध्वी मयंकप्रभाजी ने कहा कि हमारे भीतर ज्ञान, दर्शन और शक्ति का अनंत भंडार है। उन्होंने 'स्त्री' शब्द के अर्थ को रोचक ढंग से समझाया। साध्वी दक्षप्रभाजी द्वारा एक सुमधुर गीतिका का संगान किया गया। इस आयोजन में सिकंदराबाद सभा के अध्यक्ष सुशील संचेती, मंत्री हेमंत संचेती एवं समस्त पदाधिकारी मंडल, अणुव्रत समिति अध्यक्ष प्रकाश एच. भंडारी, मंत्री रीता सुराणा एवं अनेक श्रावक-श्राविकाओं की गरिमामयी उपस्थिति रही। अंत में TPF के राष्ट्रीय ऑर्गनाइजेशनल डेवलपमेंट चेयरमैन ऋषभ दुगड़ ने सभी का आभार प्रकट करते हुए कार्यशाला का समापन किया।