साध्वियों का आध्यात्मिक मिलन समारोह

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विजयनगर, बैंगलोर।

साध्वियों का आध्यात्मिक मिलन समारोह

युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी पावनप्रभा जी, साध्वी संयमलता जी एवं साध्वी पुण्ययशाजी का मिलन आचार्य तुलसी डायग्नोस्टिक सेंटर, विजयनगर के परिसर में हुआ। तीनों साध्वियों के समूह मिलन को देखकर गंगा, यमुना और सरस्वती स्वरूप त्रिवेणी संगम का सा आभास हुआ। साध्वियों ने बहुत ही उत्साह के साथ आगंतुक साध्वियों का स्वागत किया। ज्ञातव्य है कि विजयनगर में कमला देवी बाबेल का आजीवन संथारा तप उच्च भावों के साथ प्रवर्धमान है। सभी साध्वियां संथारा साधिका कमलाबाई को दर्शन देने एवं उनके संथारा साधना में सहयोग हेतु विजयनगर पधारी हैं। मांडोत परिवार के निवास स्थान 'मीठा जीवन' में आयोजित स्वागत समारोह में मेजबान साध्वी संयमलता जी आदि साध्वीवृंद ने सुंदर गीत के द्वारा स्वागत की परंपरा निभाई और सभी साध्वियों से अधिक से अधिक समय तक विजयनगर में विराजने का निवेदन किया।
साध्वी मनीषाप्रभा जी एवं साध्वी रौनकप्रभा जी ने बहुत ही रोचक कार्यक्रम के द्वारा सभी साध्वियों का परिचय दिया। साध्वी पावनप्रभा जी एवं साध्वी पुण्ययशा जी ने भी अभिभूत होकर अपने विचार रखे एवं श्रावक समाज को अधिक से अधिक धर्माराधना करने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम का सुंदर संचालन साध्वी मार्दवयशा जी ने किया। विजयनगर सभा अध्यक्ष मंगल कोचर ने साध्वी वृंद एवं श्रावक समाज का स्वागत किया एवं साध्वियों से आगामी आचार्य महाप्रज्ञ महाप्रयाण दिवस तक विजयनगर में विराजने का निवेदन किया। अभातेममं से वीणा बैद और टीपीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिम्मत मांडोत ने भी अपने विचार व्यक्त किए। महिला मंडल सदस्यों द्वारा स्वागत गीतिका का संगान किया गया।
संथारा साधिका कमलाबाई के परिवार से प्रियल बाबेल ने सभी साध्वियों के प्रति साधिका को आध्यात्मिक संबल प्रदान करने एवं दर्शन देने के लिए कृतज्ञता ज्ञापित की। महिला मंडल उपाध्यक्ष बरखा पुगलिया ने साध्वी विश्रुतविभा जी द्वारा प्रदत्त संदेश का वाचन किया। कार्यक्रम में अभातेयुप के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पवन मांडोत ने अपने निवास स्थान पर सभी का स्वागत एवं आभार ज्ञापित किया। टीपीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिम्मत मांडोत, अणुव्रत विश्व भारती के उपाध्यक्ष कैलाश बोराणा, संगठन मंत्री राजेश चावत, वृहद बेंगलुरु के विभिन्न क्षेत्रों की अनेकों संस्थाओं के गणमान्य पदाधिकारी और श्रावक समुदाय की अच्छी संख्या में उपस्थिति रही।