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वर्षीतप अभिनंदन कार्यक्रम का हुआ आयोजन
'शासनश्री' साध्वी सत्यवतीजी के सान्निध्य में 'वर्षीतप अभिनंदन कार्यक्रम' का आयोजन किया गया। साध्वीश्री ने कहा कि निर्जरा का एक प्रकार तपस्या भी है, जिसके द्वारा प्राणी अपनी चेतना को निर्मलता से अभिस्नात कर सकता है। साध्वीश्री ने वर्षीतप करने वालों के साधना-संवर्धन हेतु प्रेरक उद्बोधन प्रदान किया। साध्वी शशिप्रज्ञा जी ने गीतिका के माध्यम से अपने भावों को व्यक्त किया।
अभिनंदन के स्वर में सम्मिलित होते हुए उत्साहित तेरापंथ महिला मंडल ने भी गीतिका के माध्यम से अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। सभा अध्यक्ष सुरेश जीरावला, तेयुप मंत्री देवीचंद तातेड़, सरिता बैद और शशि टांटिया ने पृथक-पृथक गीतिकाओं का संगान कर तपस्वियों का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में तपस्वी भाई-बहनों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ तेयुप द्वारा मंगलाचरण से हुआ। कुशल संचालन महावीर चौपड़ा ने किया तथा आभार ज्ञापन कैलाश तातेड़ द्वारा प्रस्तुत किया गया।