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तनाव को पालने की जगह टालने का प्रयास करें
मुनि अर्हत कुमार की ठाणा 3 के सान्निध्य में नेपानगर में नेपा मिल में ‘तनाव : कारण – निवारण’ सेमिनार का आयोजन किया गया। मुनि अर्हत कुमार जी ने कहा कि, 'आज का युग एक विषम समस्या से जूझ रहा है। यह समस्या 8 साल से लेकर 80 साल तक के सभी व्यक्तियों में पाई जाती है उस समस्या को जन भाषा में तनाव कहा जाता है। हम खुद ही समस्या के जनक हैं और हम स्वयं ही समस्या के समाधायक भी हैं। यह तनाव हमें मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से तोड़ता जा रहा है। समस्या आना पार्ट ऑफ लाइफ है और तनाव लिए बिना हंसते-हंसते उस समस्या का समाधान ढूंढ लेना आर्ट ऑफ लाइफ है। तनाव को पालने की जगह टालने का प्रयास करें।'
मुनिश्री ने तनाव के निवारण के विषय में आगे कहा, 'तनाव के निवारण का प्रथम चरण है -‘सकारात्मक चिंतन’। सकारात्मक चिंतन हमारे जीवन में रचनात्मक सृजन करता है हमेशा अपनी सोच को पॉजिटिव ऊर्जा से एक्टिवेट करते रहें। तनाव निवारण का दूसरा उपाय है ‘वर्तमान में जीना’। व्यक्ति या तो भूतकाल की चिंता में जीता है या भविष्य की कल्पनाओं में जीता है। वर्तमान में रहना मानो मानव ने सीखा ही नहीं है।' मुनि भरत कुमार जी और मुनि जयदीप कुमार जी ने अपने विचार व्यक्त किये।