तेरी साधना  रंग ला रही

रचनाएं

साध्वी पावनप्रभा

तेरी साधना रंग ला रही

श्रमणी गण सरताज, तेरी शासना मन भा रही।
शासना मन भा रही, तेरी साधना रंग ला रही।।
1. मोदी कुल में आ गई तुम लाडनूं की लाडली।
चंदेरी की चाँदनी बन सबके दिल पर छा रही ।।
2. गुरुवर तुलसी महाप्रज्ञ की महर नजर तुमने पाई ।
महाश्रमण अनुशासना में हीरकणी बन लुभा रही।।
3. ज्ञान दर्शन चरण तप में रात दिन रहती मगन।
स्वाध्याय की प्रियता तुम्हारी सबके मन को भा रही।।
4. नवमी साध्वीप्रमुखा की हम करते हैं अभिवन्दना।
श्रद्धा का स्वस्तिक ले 'पावन' मधुरी तान सुना रही।।
लय - सांवली सूरत में मोहन