जय ज्योतिचरण वन्दन

रचनाएं

साध्वी संयमलता

जय ज्योतिचरण वन्दन

जय ज्योतिचरण वन्दन, जय महाश्रमण वन्दन,
अभिवेक दिवस पर हम करती हैं अभिनन्दन।
इस जन्म दिवस पर हम करती हैं अभिनन्दन।
इस युवा दिवस पर हम करती हैं अभिनन्दन।
धन्य धरा सरदारशहर में उतरे ज्योतिचरण,
दुगड़ कुल मां नेमां पितु झूमर मन पुलकन।।
मुस्कान भरा मुख मंडल -2, ये सौम्य शान्त मोहक मुद्रा मन भाए,
अमृतमय तेरी वाणी -2, सुनने को हर मानव ललचाए।
शुभ दृष्टि पड़े जहां खिल जाए भाग सुभाग,
ये खुश नसीबी हम सबकी मिले महाश्रमण-महाभाग।।
कमनीय कीर्तिधर तेरी-2, ये सुयश कीरतियां पहुंची देश-विदेश,
ओजस्वी अहिंसा यात्रा-2, से दिया विश्व को तुमने शांति संदेश।
डगर-डगर चल नगर-नगर, पंहुचे सिक्किम भूटान,
नशामुक्ति नैतिकता सद्भाव तेरे अवदान।।
इतिहास पुरुष हो गुरुवर-2, हर रोज नए-2 गढ़े इतिहास,
संकल्प और साहस की-2, बस्तर यात्रा बनी पृष्ठ इक खास।
तुम शांतिदूत, हो तपःपूत, गौरव गाता है जहान,
सक्षम महाप्रज्ञ पट्टधर तुलसी सा तेज महान।।
लय - क्या खूब लगती हो