
रचनाएं
बजी शहनाइयां! गण में आज
बजी शहनाइयां! गण में आज,
नेमानंदन ने पहना है हां, भिक्षु गण का ताज।।
1. सोहनी सूरत, मोहनी मूरत, चिहुं दिशि फैली है कीरत,
शौर्य समुन्नत, श्रम है अनवरत, जग को है तेरी जरूरत।
है तेज निराला-2, तू किस्मत वाला, पिलाता सुधारस प्याला।।
2. अखियां तेजस्वी, वाणी वर्चस्वी आभा तेरी है ओजस्वी,
महामनस्वी तरुण तपस्वी, गौरव गाथा यशस्वी।
परम कृपालु-2, तुम हो दयालु, झुकते हैं लाखों श्रद्धालु।।
3. तुलसी सी प्रभुता, महाप्रज्ञ ऋजुता, भाल जो चमचम चमकता,
समवसरण में, ज्योतिचरण ये, महावीर ज्यों पग धरता।
दो हाथ उठाएं-2, आशीष दिराएं, भक्तों के दिल खिल जाए।।
लय - डफली वाले