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वर्षीतप अनुमोदन कार्यक्रम आयोजित
तेरापंथ सभा भवन में 'शासनश्री' साध्वी सुप्रभा जी के सान्निध्य में तपस्विनी बहन साधना रांका के वर्षीतप अनुमोदन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र से हुआ। इसके पश्चात तेरापंथ महिला मंडल की बहनों द्वारा तप अनुमोदना की गीतिका प्रस्तुत की गई। साध्वी मुकुलयशा जी द्वारा भावपूर्ण गीतिका का संगान किया गया। 'शासनश्री' साध्वी सुप्रभा जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि मुक्ति के चार मार्ग बताए गए हैं — ज्ञान, दर्शन, चारित्र और तप। इन चारों में तप का विशेष महत्व है, क्योंकि यह आत्मशुद्धि का मार्ग है। साध्वी मनीषाश्रीजी ने तपस्विनी को तप के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
तपस्विनी के सुपुत्र समर्थ रांका, ज्ञानशाला संयोजक संजय बोथरा ने अपनी भावनाएं प्रकट करते हुए तप अनुमोदना की। तपस्विनी के दादा धर्मचंद बोथरा ने स्वरचित गीत का संगान किया। तपस्विनी बहन साधना रांका ने बताया कि मुनि जिनेश कुमार जी की प्रेरणा से उन्होंने वर्षीतप का संकल्प लिया और इस मार्ग पर आगे बढ़ीं। पुखराज देवी मालू ने पांच के तप का संकल्प लेते हुए तप का अभिनंदन साहित्य भेंट कर किया। कार्यक्रम का सफल संयोजन महिला मंडल मंत्री डॉ. पूजा फूलफगर ने किया।