तपस्या का ताप बढ़े और कषाय का ताप घटे

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टन्डियारपेट, चेन्नई।

तपस्या का ताप बढ़े और कषाय का ताप घटे

श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, उत्तर चेन्नै के तत्वावधान में तेरापंथ भवन, टन्डियारपेट में मुनि दीप कुमार जी के सान्निध्य में वर्षीतप तपोभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मंजु दक द्वारा मंगलाचरण से हुई। सभा अध्यक्ष इन्दरचंद डूंगरवाल ने मुनिश्री का स्वागत करते हुए तपस्वियों की तप अनुमोदना की। तण्डियारपेट ट्रस्ट के ट्रस्टी पूनमचंद ने स्वागत-संवाद प्रस्तुत किया। मुनि दीप कुमार जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि व्यक्ति के जीवन में तपस्या बढ़े, लेकिन कषायों का ताप घटे। तपस्या से कर्मों की निर्जरा होती है। उन्होंने अभिग्रह सहित तपस्या के महत्व पर प्रकाश डालते हुए साध्वी पन्नाजी के अभिग्रह फलित की घटना का उल्लेख कर उसका महत्व स्पष्ट किया। उन्होंने सभी तपस्वियों की अनुमोदना करते हुए मंगलकामनाएँ संप्रेषित की।
वर्षीतप तपस्वियों—शांता बाफना, सौभाग्यवती चोपड़ा, विमला देवी मांडोत, शोभा बाई खीवेसरा, एवं संगीता भरसारिया—का तपोभिनंदन-पत्र द्वारा सम्मान किया गया। तपस्वियों के परिजनों ने अपने भावों के माध्यम से तप अनुमोदना की। स्थानीय बहनों ने गीतिका के माध्यम से तप अनुमोदना प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन कोषाध्यक्ष कमलेश बाफना ने किया और धन्यवाद ज्ञापन उपाध्यक्ष दिलीप गेलड़ा ने दिया। इस अवसर पर आंचलिक प्रभारी विमल चिप्पड़, तेयुप अध्यक्ष संदीप मुथा सहित उत्तर चेन्नै के प्रभारीगण एवं श्रावक समाज की गरिमामयी उपस्थिति रही।