संगोष्ठी में ज्ञानशाला का हुआ पुनर्गठन

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होसकोटे।

संगोष्ठी में ज्ञानशाला का हुआ पुनर्गठन

श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा, होसकोटे के तत्वावधान में एवं साध्वी पावनप्रभा जी के सान्निध्य में इंदरचंद धर्मीचंद धोका के निवास स्थल पर ज्ञानशाला संगोष्ठी का आयोजन सम्पन्न हुआ। इस संगोष्ठी में व्हाइटफ़ील्ड, टी.सी. पाल्या एवं होसकोटे क्षेत्र के अनेक बच्चों एवं उनके अभिभावकों ने भाग लिया। साध्वी पावनप्रभा जी ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा—' बच्चे हमारे समाज की नींव हैं। नींव मजबूत हो तो उस पर खड़ा भवन भी दृढ़ होता है। जैसे जड़ में पानी डालना आवश्यक होता है, वैसे ही बचपन में संस्कार देना अत्यंत महत्वपूर्ण है।' उन्होंने अभिभावकों से अनुरोध किया कि वे अपने बच्चों को ज्ञानशाला से अवश्य जोड़ें। साध्वीश्री के आह्वान के साथ ही 15 बच्चों ने होसकोटे ज्ञानशाला में अध्ययन हेतु स्वीकृति प्रदान की।
कार्यक्रम में आंचलिक संयोजक माणक संचेती ने ज्ञानशाला संचालन हेतु केंद्र द्वारा निर्धारित नियमों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। संयोजिका नीता गादिया ने ज्ञानशाला का पाठ्यक्रम, बच्चों से संवाद की प्रक्रिया, अध्ययन पद्धति तथा साप्ताहिक कक्षाओं के आयोजन की विधियों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर ज़ोन संयोजिका पवनबाई संचेती एवं होसकोटे सभा अध्यक्ष इंदरचंद धर्मीचंद धोका भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
होसकोटे में दो दिवसीय ‘संस्कार निर्माण शिविर’ का भी सफल आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 25 बच्चों की सहभागिता रही। शिविर की कक्षाओं का संचालन साध्वी आत्मयशा जी, साध्वी उन्नतयशा जी एवं साध्वी रम्यप्रभा जी द्वारा किया गया। प्रशिक्षिका रानी धोका, पिंकी चोरड़िया एवं निशा धोका ने स्थानीय स्तर पर आयोजन को सुचारु रूप से संपन्न करने में सहयोग दिया। व्हाइटफ़ील्ड, टी.सी. पाल्या एवं होसकोटे क्षेत्र के अनेक अभिभावकगण भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।