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आध्यात्मिक मिलन बना प्रेरणा का स्रोत
आचार्य श्री महाश्रमण जी के शिष्य डॉ. मुनि पुलकित कुमार जी (ठाणा-2) एवं साध्वी पुण्ययशा जी (ठाणा-4) का लालबाग ग्लास हाउस, बेंगलुरु में आध्यात्मिक मिलन हुआ। इस अवसर पर डॉ. मुनि पुलकित कुमार जी ने अपने संबोधन में कहा - ' आज का दृश्य 60 वर्ष पूर्व के उस पावन क्षण की याद दिलाता है, जब आचार्यश्री तुलसीजी चतुर्विध संघ के साथ लालबाग के प्रांगण में पधारे थे।
यह संगम न केवल एक ऐतिहासिक घटना है, बल्कि आध्यात्मिक प्रेरणा का पुंज भी है।' मुनिश्री ने साध्वी पुण्ययशा जी के RR नगर, बेंगलुरु में आगामी चातुर्मास की मंगलकामना करते हुए उनके प्रवचनों एवं संयम-साधना से समाज को लाभान्वित होने की बात कही। साध्वी पुण्ययशा जी ने अपने उद्बोधन में कहा - ' तेरापंथ धर्मसंघ में साधु-साध्वी का मिलन सदा सौहार्दपूर्ण रहा है। यह मिलन केवल पारस्परिक सम्मान और सद्भाव का प्रतीक नहीं, अपितु श्रावक समाज के लिए अनुकरणीय प्रेरणा भी है।' उन्होंने गांधीनगर, तेरापंथ सभा भवन में मुनिश्री के चातुर्मास के लिए मंगलकामनाएं व्यक्त की। इस अवसर पर जितेन्द्र घोषल ने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर तेयुप मंत्री राकेश चोरड़िया, युवा वाहिनी सह-संयोजक ललित चोपड़ा, परिषद सदस्य, तेयुप राजाजीनगर के सदस्य, तेरापंथ सभा, अणुव्रत समिति, किशोर मंडल के सदस्यों के साथ बेंगलूरु के शांति नगर एवं अन्य क्षेत्रों से श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति रही।