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मातृत्व कार्यशाला का आयोजन
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशानुसार मातृत्व कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ महिला मंडल ने स्थानीय तेरापंथ भवन में समणी निर्देशिका डॉ. निर्वाणप्रज्ञा जी के सान्निध्य में किया। कार्यक्रम की शुरुआत नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से की गई। तत्पश्चात महिला मंडल द्वारा प्रेरणा गीत का संगान किया गया। महिला मंडल की अध्यक्षा तरुलता जैन ने सभी का स्वागत करते हुए मातृत्व पर अपने विचार व्यक्त करते हुए माँ को गुणों का खजाना बताया, जो अपने बच्चों में संस्कारों का बीजारोपण गर्भ से ही करती है। समणी निर्देशिका डॉ. निर्वाणप्रज्ञा जी ने कहा कि बच्चों की पहली गुरु, पहली संस्कारक माँ होती है। समणी जी ने बताया कि माता में वात्सल्य, समर्पण, संस्कार, तथा आस्था के गुण होते हैं। गर्भावस्था में माता को आध्यात्मिकता एवं विचार अच्छे रखने चाहिए, जिससे शिशु भी संस्कारी होंगे। बच्चों को संस्कार देना मां का पहला कर्तव्य होता है। बच्चों का पालन पोषण भी स्वयं माता-पिता को करना चाहिए, अन्यथा यह भावी पीढ़ी का दुर्भाग्य होगा कि उन्हें माँ का सही लालन पालन नहीं मिल पाया। समणी जी ने सबको मां के कर्तव्यों को समझाया कि संस्कारों के अभाव में परिवार टूटने बिखरने लगेंगे। महिला मंडल की मंत्री कविता डागा ने आभार ज्ञापित किया।