साप्ताहिक प्रवास 'आध्यात्मिक मंत्र अनुष्ठान' के साथ सम्पन्न

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उत्तर बेंगलुरु।

साप्ताहिक प्रवास 'आध्यात्मिक मंत्र अनुष्ठान' के साथ सम्पन्न

आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वीश्री सोमयशाजी का उत्तर बेंगलुरु के विविध क्षेत्रों में प्रथम बार साप्ताहिक प्रवास श्रद्धा, साधना और सेवा का प्रेरणादायी संगम बनकर सम्पन्न हुआ। इस सात दिवसीय प्रवास में साध्वीश्रीजी ने मान्यता टेक पार्क, केंपापुरा, हेब्बाल, कोडिगेहल्ली और सहकारनगर में क्रमशः विहार एवं प्रवास कर धर्म के बीजों को संस्कारों की भूमि में बोया। इस आध्यात्मिक यात्रा का समापन सहकारनगर में यशवंतपुर सभा के अंतर्गत आयोजित एक विशेष "सर्व सिद्धिदायक आध्यात्मिक मंत्र अनुष्ठान" के साथ हुआ।
अनुष्ठान के दौरान साध्वीश्री ने सामूहिक जाप, ध्यान एवं नवकार मंत्र की शक्ति पर आधारित साधना करवाई। उन्होंने बताया कि मंत्र वह शक्ति है जो मन के विकारों को क्षीण कर आत्मा को शुद्धि की ओर ले जाती है। जब मंत्र श्रद्धा से जपा जाता है, तो वह केवल ध्वनि नहीं रहता – वह चेतना बन जाता है। इस अवसर पर उत्तर बेंगलुरु के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने सहभागी बनकर साधना का लाभ लिया। इस सप्ताहभर के प्रवास के दौरान साध्वीश्री ने मानव जीवन की दुर्लभता, त्याग और तपस्या की आवश्यकता, पारिवारिक सेवा, तथा ज्ञानशाला एवं स्थायी धार्मिक संरचना की प्रेरणा दी।
नवकार महामंत्र की गहन समझ, आराधना एवं व्यवहारिक प्रयोग को लेकर कई सत्र आयोजित किए गए। साध्वीश्री जी की प्रेरणा से 15–20 नये तेरापंथी परिवारों का संघ से जुड़ाव हुआ तथा बच्चों हेतु ज्ञानशाला स्थापना को लेकर ठोस चर्चा हुई।