
रचनाएं
उस महाप्रज्ञ का क्या कहना
दुनिया में प्रज्ञ अनेकों हैं, उस महाप्रज्ञ का क्या कहना।
जग में समयज्ञ अनेकों हैं, उस महाप्रज्ञ का क्या कहना।।
तेजस्वी बनकर तुम आए, वर्चस्वी बनकर तुम छाए।ओजस्वी वक्ता बहु पाए, उस महाप्रज्ञ का क्या कहना।।
गुरु के प्रति पूर्ण समर्पण था, औ विनय विभूषित जीवन था।
निज का निज पर अनुशासन था, उस महाप्रज्ञ का क्या कहना।।
प्रेक्षा का प्रादुर्भाव हुआ, जन-जन का शांत स्वभाव हुआ। जिनमें श्रुत का आविर्भाव हुआ, उस महाप्रज्ञ का क्या कहना।।
आगम का अनुसंधान किया, ज्ञानामृत का रस पान किया। 'अर्हत्' जीवन विज्ञान दिया, उस महाप्रज्ञ का क्या कहना।।
लय : दुनिया में देव