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संतों का सान्निध्य मिलना अहोभाग्य की बात
पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया सहज रूप से अणुव्रत भवन, स्थित तुलसी सभागार में पहुंचे, जहाँ उन्होंने मुनि विनयकुमार जी 'आलोक' के दर्शन व आशीर्वाद प्राप्त किए। उन्होंने कहा, 'मुनिश्री का तप-त्याग इतना प्रभावशाली है कि मेरे कदम सहज ही राजभवन से अणुव्रत भवन की ओर बढ़ चले। संतों का सान्निध्य मिलना अहोभाग्य की बात होती है। राज्यपाल ने मुनिश्री से आचार्य भिक्षु की 300वीं जन्म जयंती (8 जुलाई) पर उपस्थित रहने का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा, 'आचार्य भिक्षु का जीवन-दर्शन केवल जैन परंपरा तक सीमित नहीं, बल्कि सार्वभौमिक जीवन मूल्यों का प्रतीक है। उन्होंने सत्य, विनय, संयम, साधना, सेवा और संगठन के आधार पर धार्मिक और सामाजिक जीवन को अनुशासित करने की प्रेरणा दी। उनका चिंतन आज भी प्रकाशस्तंभ के समान है।' मुनि विनयकुमार जी 'आलोक' ने वर्तमान सामाजिक हालातों पर चिंता जताते हुए कहा, 'संस्कारों की कमी के कारण संयुक्त परिवार टूट रहे हैं। बच्चे अपने दादा-दादी, चाचा-चाची तक से दूरी बनाने लगे हैं। माता-पिता का दायित्व है कि वे बच्चों को रोज़ संस्कारों की शिक्षा दें और उन्हें व्यवहारिक जीवन में मर्यादा का महत्व समझाएं। संस्कारहीनता ही परिवारों में विघटन का प्रमुख कारण बन रही है।'