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चातुर्मासिक प्रवेश से तप, त्याग व अध्यात्म के खुलेंगे द्वार
आचार्यश्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी जिनबाला जी का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश आध्यात्मिक रैली के साथ भीनासर स्थित तेरापंथ भवन में संपन्न हुआ। प्रवेश के अवसर पर साध्वी जिनबाला जी ने कहा कि यह स्वागत त्याग, श्रद्धा, समर्पण और भैक्षव शासन का सम्मान है। हम गुरु की डोर से बंधे हुए हैं, इसलिए यह स्वागत हो रहा है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति गुरु की आज्ञा का पालन करता है, वह सदैव सफलता की ओर अग्रसर होता है। सभा को संबोधित करते हुए आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के मुख्य न्यासी महावीर रांका ने कहा कि रांका परिवार की दो-दो साध्वियाँ इस वर्ष भीनासर में चातुर्मासिक अध्यात्मिक लाभ प्रदान करेंगी। उन्होंने आशा जताई कि साध्वीवृंद के सान्निध्य में श्रावक-श्राविकाओं को व्यसन, गलत आदतों और अनैतिक कार्यों से दूर रहने की प्रेरणा मिलेगी।
आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष गणेशमल बोथरा ने अपने उद्बोधन में कहा कि भीनासरवासियों का यह सौभाग्य है कि उन्हें साध्वीश्री के सान्निध्य में धर्म और अध्यात्म का लाभ मिलेगा। जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन की महिला चेयरपर्सन ममता रांका ने कहा कि बड़ी पुण्याई होती है, जब चारित्र आत्माओं के दर्शन व उनकी अमृतवाणी सुनने का अवसर मिलता है। सभा अध्यक्ष विशाल सेठिया ने जानकारी दी कि एकता, विशाखा पुगलिया, जैनम, मान्या, तेरापंथ महिला मंडल भीनासर की अध्यक्ष शशि गोलछा, गंगाशहर सभा मंत्री जतन संचेती, अशोक बोथरा, शारदा बैद आदि ने वंदना, गीत और भाषणों के माध्यम से साध्वीवृंद का अभिनंदन किया। ज्ञानशाला के बच्चों द्वारा भी सुंदर प्रस्तुतियाँ दी गईं। संचालन मंत्री चैनप्रकाश गोलछा ने किया।