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गणाधिपति आचार्य श्री तुलसी के महाप्रयाण दिवस पर विविध आयोजन
जैन कॉलोनी में 'शासनश्री' साध्वी मधुरेखा जी के सान्निध्य में युगप्रधान आचार्य श्री तुलसी का 29वां महाप्रयाण दिवस श्रद्धापूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत नमस्कार महामंत्र के सामूहिक उच्चारण से हुई, तथा मंगलाचरण महिला मंडल की बहनों द्वारा प्रस्तुत किया गया। गणाधिपति गुरुदेव तुलसी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए साध्वी श्री ने कहा कि विलक्षण व्यक्तित्व के धनी आचार्य श्री तुलसी प्रारंभ से ही अनुशासनप्रिय थे। ऐसा प्रतीत होता था कि अनुशासन उनके जीवन का पर्याय बन गया था। मात्र 22 वर्ष की आयु में आचार्य पद को स्वीकार कर उन्होंने लगभग 60 वर्षों तक धर्मसंघ को अपने कुशल नेतृत्व से लाभान्वित किया। उन्होंने ज्ञानशाला, प्रेक्षाध्यान, अणुव्रत और जीवन-विज्ञान जैसे विविध आयामों के माध्यम से संघ को हिमालय जैसी ऊँचाइयाँ प्रदान कीं। गुरुदेव के 29वें महाप्रयाण दिवस के उपलक्ष्य में 13 घंटे का अखंड जप किया गया। 10 प्रत्याख्यानों में 50 भाई-बहनों ने त्याग और तप का अभ्यास किया। विसर्जन दिवस पर त्याग का संकल्प भी लिया। साध्वी मधुयशा जी ने गुरुदेव के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि साधु-साध्वी वर्ग के लिए शोध क्षेत्र में जो सुगमता आई है, वह आचार्य तुलसी की ही देन है। साध्वी सविताश्री ने सुमधुर गीतिका प्रस्तुत की, जबकि साध्वी लोकोत्तरप्रभा जी ने कविता के माध्यम से आचार्य श्री तुलसी को श्रद्धांजलि अर्पित की। सभा अध्यक्ष नेमीचंद गेलड़ा, तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष अमित भंडारी, महिला मंडल अध्यक्षा हर्षा चोरड़िया सहित भारती कोटेचा, सरोज देवी गेलड़ा, गौरवी लोढ़ा, प्रकाश लोढ़ा एवं मनीष सुराना ने श्रद्धा के भाव अर्पित किए। कार्यक्रम का संचालन साध्वी सुव्रतयशा जी ने कुशलता से किया।