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पारिवारिक परंपरा है हमारी सांस्कृतिक धरोहर
पर्वत पाटीया। साध्वी मंगलप्रज्ञा जी के सान्निध्य में, अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के निर्देशन में तेयुप पर्वत पाटिया द्वारा आयोजित व्यक्तित्व विकास कार्यशाला में परिवार प्रशिक्षण का सूत्र साध्वीश्री द्वारा प्रदान किया गया। साध्वीश्री ने अपने संबोधन में कहा कि 'आज संवेग नियंत्रण (भावनात्मक संतुलन) की परम आवश्यकता है। इसके अभाव में परिवार और समाज में अनेक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।' उन्होंने कहा कि भारत में पारिवारिक परंपरा हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, और यह हमारा सौभाग्य है। आज की आवश्यकता है कि परिवार में बड़े-बुजुर्गों का सम्मान किया जाए, जिनकी बदौलत हमें संस्कारों का अमूल्य खजाना प्राप्त हुआ है। भावी पीढ़ी दिशाहीन न हो, इसके लिए अभिभावकों को सजग रहकर बच्चों को अच्छे संस्कारों से संपन्न करना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान साध्वी सुदर्शनप्रभा जी, साध्वी अतुलयशाजी, साध्वी डॉ. राजुलप्रभाजी, साध्वी चैतन्यप्रभाजी और साध्वी शौर्यप्रभाजी ने सामूहिक संगान के माध्यम से आध्यात्मिक मंगलकामनाएं प्रकट कीं। कार्यक्रम के अंत में तेयुप मंत्री अशोक कोचर ने सभी का आभार व्यक्त किया। सभा के संगठन मंत्री एवं जैन संस्कारक पवन कुमार बुच्चा ने कार्यक्रम का संचालन कुशलतापूर्वक किया।