बाह्य एवं आंतरिक व्यक्तित्व था समान रूप से प्रभावशाली

संस्थाएं

चेंबूर।

बाह्य एवं आंतरिक व्यक्तित्व था समान रूप से प्रभावशाली

चेंबूर। तेरापंथ धर्म संघ के दशम अधिशास्ता युगप्रधान आचार्य श्री महाप्रज्ञजी का 106वां जन्मदिवस 'शासनश्री' साध्वी कंचनप्रभाजी के सान्निध्य में आयोजित किया गया। साध्वी कंचनप्रभाजी ने अपने वक्तव्य में कहा—आचार्य श्री महाप्रज्ञजी विशद आध्यात्मिक शक्ति से संपन्न थे। उनमें विनय, श्रद्धा एवं समर्पण का विलक्षण समन्वय था। उनका बाह्य एवं आंतरिक व्यक्तित्व समान रूप से प्रभावशाली था। आचार्य श्री महाप्रज्ञजी ने आचार्य श्री तुलसी के नेतृत्व में जैन आगमों का कुशल संपादन किया।
'शासनश्री' साध्वी मंजुरेखाजी ने कहा—परम श्रद्धास्पद आचार्य महाप्रज्ञजी की अहिंसा यात्रा ने साम्प्रदायिक सौहार्द का सशक्त संदेश दिया। उसी यात्रा की परिणति थी कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम उनके चरणों में पहुंचे और वहीं अपना जन्मदिन भी मनाया। साध्वी उदितप्रभाजी, साध्वी निर्भयप्रभाजी एवं साध्वी चेलनाश्रीजी ने भक्ति से परिपूर्ण भावों के माध्यम से पूज्य गुरुदेव के जीवन की गरिमा को उजागर किया।
कार्यक्रम में स्थानीय विधायक तुकाराम काते विशेष रूप से आमंत्रित थे। उन्होंने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए भावपूर्ण उद्गार प्रकट किए। विशेष आकर्षण के रूप में 106 भाई-बहनों ने सामूहिक गीतिका की प्रस्तुति देकर चेंबूर के सभाभवन को गुंजायमान कर दिया। इस अवसर पर विधायक तुकाराम काते, मुंबई व्यापारी सेल के अध्यक्ष लक्ष्मण कोठारी, सभा अध्यक्ष रमेश धोका, महिला मंडल अध्यक्षा मनीषा कोठारी सहित घाटकोपर, विक्रोली, सायन कोलीवाड़ा, कुर्ला आदि क्षेत्रों से श्रावक-श्राविका समाज की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।