पंच दिवसीय संस्कार निर्माण शिविर का समापन

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बालोतरा।

पंच दिवसीय संस्कार निर्माण शिविर का समापन

साध्वी अणिमाश्री जी के सान्निध्य में, श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा के तत्वावधान में सिवांची मालाणी तेरापंथ क्षेत्रीय संस्थान द्वारा आयोजित पांच दिवसीय जोधपुर संभागीय बालिका संस्कार निर्माण शिविर का समापन सिवांची मालाणी भवन में हुआ। साध्वी अणिमाश्रीजी ने अपने उद्बोधन में कहा कि संस्कार निर्माण शिविर जीवन की प्रयोगशाला का महत्वपूर्ण प्रयोग बनना चाहिए। संस्कार जीवन की अमूल्य धरोहर हैं। ये व्यक्तित्व को संवारने, कर्तृत्व को निखारने और अस्तित्व को ठोस आधार देने वाले तत्व हैं। आप सभी कन्याएं संस्कारों के संरक्षण और संवर्धन के लिए हर पल सजग रहें। आज शिविर का समापन हो रहा है, लेकिन जीवन विकास की यात्रा अब प्रारंभ हो रही है। अब आप संस्कारों के उच्च शिखर की ओर आरोहण करें। आपके चेहरे पर संस्कारों की आभा झलके, और जीवन गुलशन की भांति संस्कारों के सुमनों से सुवासित हो।
साध्वीश्री ने आगे कहा कि हर कन्या को अपने जैनत्व के संस्कारों की रक्षा करनी है। हमें संस्कृति और संस्कारों के पहरेदार बनना है। आज अपसंस्कृति की लहर जीवनशैली को प्रभावित कर रही है। शराब और हुक्का जैसी बुराइयां आज की किशोर और युवा पीढ़ी की शान, पहचान और शौक बनती जा रही हैं। लेकिन आपको ऐसी पहचान नहीं बनानी है। मैं चाहती हूं कि इस शिविर में उपस्थित हर कन्या शराब और हुक्के का पूर्ण रूप से त्याग करे, जिससे उनका जीवन संवर सके। आप सभी के लिए रोल मॉडल बनना हमारी अपेक्षा है। यह शिविर तभी आपके जीवन का यादगार क्षण बनेगा जब आप इससे प्रेरित होकर जीवन में नई दिशा में कदम बढ़ाएंगे। साध्वीश्री की प्रेरणा से प्रेरित होकर लगभग 200 कन्याओं सहित सैकड़ों भाई-बहनों ने शराब और हुक्के के सेवन का त्याग कर शिविर को सार्थक और सफल बना दिया। साध्वीश्री ने सिवांची मालाणी क्षेत्रीय तेरापंथ संस्थान के अध्यक्ष शांतिलाल डागा और उनकी टीम, शिविर संयोजक डूंगरचंद सालेचा और उनकी सहयोगी टीम की लगन, उत्साह एवं सुचारू व्यवस्था की सराहना की, जिसने शिविर की सफलता में चार चाँद लगा दिए। प्रशिक्षक सीए राकेश खटेड और याशिका खटेड के श्रम की भी विशेष रूप से प्रशंसा की गई। राजेश्वरी तातेड़, प्रज्ञा सालेचा और ममता गोलेच्छा का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। आसपास की तेरापंथ सभाओं, तेयुप, महिला मंडलों एवं ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं ने भी समय देकर श्रमदान किया। सभी के प्रति साध्वीश्री ने अहोभावपूर्वक साधुवाद ज्ञापित किया।
डॉ. साध्वी सुधाप्रभा और संस्थान मंत्री भंवरलाल चौपड़ा ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया। कार्यक्रम में तेरापंथ महासभा के उपाध्यक्ष निर्मल गोखरू, संस्थान अध्यक्ष शांतिलाल डागा, प्रशिक्षक सीए राकेश खटेड, केंद्रीय संयोजक धनराज ओस्तवाल, शिविर संयोजक डूंगरचंद सालेचा, मंत्री भंवरलाल चौपड़ा, आईएएस अधिकारी टी.सी. बोहरा सहित कई प्रबुद्धजनों ने सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्तियाँ प्रस्तुत कीं। पांच दिनों तक साध्वीवृंद एवं प्रशिक्षकों द्वारा कन्याओं को व्यवस्थित और सघन प्रशिक्षण प्रदान किया गया। शिविर में कन्याओं ने पच्चीस बोल पर सुंदर रील बनाई एवं ड्राइंग प्रतियोगिता में भाग लिया, जिसमें सुंदर चित्रों का निर्माण किया गया। साध्वीश्री द्वारा रचित गीत पर सभी कन्याओं द्वारा प्रस्तुत मनमोहक, रोचक और भव्य दृश्य-प्रस्तुति ने सभी को भावविभोर कर दिया। मंगल संगान फलसूंड, सवाऊ पदमसिंह और शेरगढ़ की बालिकाओं द्वारा किया गया।