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दीक्षार्थी मंगलभावना कार्यक्रम
साध्वी गुप्तिप्रभा जी के सान्निध्य में मुमुक्षु मंगलभावना कार्यक्रम आयोजित हुआ। मुमुक्षु को प्रेरणा देते हुए साध्वीश्री ने कहा – आप प्रियधर्मा और दृढ़धर्मा बने रहें। वासनाओं से निर्लिप्त, स्वार्थ से अप्रतिहत, वैमनस्य और शत्रुभाव से अदग्ध रहते हुए आगे बढ़ें और नया इतिहास गढ़ें। अभिव्यक्ति देते हुए अपने संसारपक्षीय भांजे मुमुक्षु मोहक के लिए साध्वी मौलिकयशा जी ने कहा – आज का यह अभिनंदन त्याग का है। जिस सिंहवृत्ति से इस संयम जीवन को अंगीकार किया है, उसी सिंहवृत्ति से उसका पालन करना। उन्होंने आध्यात्मिक जीवन में 'मोहक' नाम की व्याख्या की।
दोनों साध्वियों ने सुमधुर गीत की सामूहिक प्रस्तुति दी। साध्वी भावितयशा जी ने कहा – 'हमने आत्मोदय हेतु साधुत्व को ग्रहण किया है, नाम, यश, प्रतिष्ठा की भूख न जगे। अप्रमत्तता की साधना में निरंतर उर्ध्वारोहण होता रहे।' तेरापंथी सभा अध्यक्ष सुरेश चौपड़ा, महिला मंडल अध्यक्ष विजयलक्ष्मी सेठिया, प्रियांशी घोडावत, सम्राट घोडावत आदि ने गीत और भाषण के माध्यम से अपनी अभिव्यक्ति दी। कुलदीप, खुशी, मनन एवं प्रिंस मनोत द्वारा प्रस्तुति दी गई।
मयंक मणोत एवं प्रज्ञा जैन ने सुमधुर संगीत की स्वरलहरियों द्वारा मंगलाचरण किया। मुमुक्षु मोहक ने अपने विचारों की अभिव्यक्ति दी तथा झलक बेताला ने अपने भाई से जुड़ी स्मृतियाँ साझा करते हुए भावपूर्ण मंगलकामनाएँ दीं। सभा और महिला मंडल ने मुमुक्षु भाई का अभिनंदन कर हर्ष और आनंद का अनुभव किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन हर्षिता संचेती ने किया।