परिवार प्रबोधन कार्यशाला में पाया संस्कार और सौहार्द का संदेश

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बालोतरा।

परिवार प्रबोधन कार्यशाला में पाया संस्कार और सौहार्द का संदेश

साध्वी अणिमाश्री जी के सान्निध्य में महावीर कॉलोनी के सुरम्य हॉल में लघु उद्योग भारती के तत्वावधान में 'परिवार प्रबोधन कार्यशाला' का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जैन एवं जैनेतर समाज के सैकड़ों भाई-बहनों ने भाग लिया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए साध्वी अणिमाश्री जी ने कहा कि आज आरएसएस की इकाई लघु उद्योग भारती द्वारा परिवार प्रबोधन कार्यशाला का आयोजन प्रशंसनीय पहल है। उन्होंने कहा कि परिवार एक वीणा के समान है — यदि उसके तारों को ठीक से साध लिया जाए, तो वह अद्भुत संगीत उत्पन्न करता है, जो अनुपम शांति और आनंद प्रदान करता है। लेकिन यदि इन तारों का सामंजस्य न हो, तो ध्वनि विकृत हो जाती है और घर का वातावरण अशांत हो जाता है।
साध्वीश्री ने कहा कि यदि परिवार के सदस्यों में सौहार्द, सामंजस्य, समन्वय, समता, सरलता, सकारात्मकता और संस्कार रूपी सात सुर होंगे, तो परिवार रूपी वीणा से सुमधुर जीवन संगीत अनुगूंजित होगा। उन्होंने यह भी कहा कि परिवार में तालमेल आवश्यक है, बिना इसके खुशहाली का सपना साकार नहीं हो सकता। परस्पर प्रेम, मधुर संवाद, विनम्र स्वभाव और सभ्य भाषा से ही जीवन में समरसता आती है और घर-आंगन आनंदमय हो जाता है। साध्वी कर्णिकाश्रीजी ने कहा कि परिवार वह प्यार भरा घोंसला है, जहां दिनभर की थकान के बाद पंछी को विश्राम मिलता है। यह रसमयी धरती है, जहां हर बीज को फलने-फूलने का अवसर मिलता है।
साध्वी मैत्री प्रभा जी ने मंच संचालन करते हुए कहा, 'अगर पति समझदार हो तो मकान बनता है, पत्नी समझदार हो तो घर बनता है, और यदि बच्चे समझदार हों तो घर मंदिर बन जाता है।' इस अवसर पर लघु उद्योग भारती के प्रदेशाध्यक्ष शांतिलाल बालड़ और अध्यक्ष महेन्द्र श्रीमाल ने भी विचार व्यक्त किए। बालोतरा सभा के मंत्री प्रकाश बैद मुथा ने मंगल संगान किया।