जन्म दिवस पर संस्कार निर्माण शिविर सम्पन्न

संस्थाएं

जंगमपुरा।

जन्म दिवस पर संस्कार निर्माण शिविर सम्पन्न

जंगमपुरा। आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि अर्हत कुमार जी ठाणा-3 का तेरापंथ भवन, जंगमपुरा में आगमन हुआ। यह आगमन लगभग 40 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद हुआ, जिसने समस्त श्रावक समाज में उत्साह और श्रद्धा का संचार कर दिया। मुनिश्री के सान्निध्य में आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में संस्कार निर्माण शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मुनिश्री के नवकार मंत्र के संगान से हुई। मंगलाचरण के रूप में ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं द्वारा 'महाप्रज्ञ अष्टकम' का संगान किया गया।
कार्यक्रम में तेरापंथ सभा अध्यक्ष निर्मल नाहटा, मध्यप्रदेश आंचलिक प्रभारी निलेश रांका, तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष अर्पित जैन एवं तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम अध्यक्ष चंद्रकुमार भटेरा ने अपने वक्तव्यों में आचार्य महाप्रज्ञ जी के आदर्शों और सिद्धांतों का गुणगान करते हुए उनके जीवन-दर्शन को वर्तमान पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी बताया। धर्मेश-नम्रता जैन की सुपुत्री एवं गायिका अवनि जैन ने एक भावपूर्ण गीत प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में मुनि भरत कुमार जी ने संस्कार शिविर के सभी बच्चों को प्रेक्षा ध्यान और जीवन विज्ञान की उपयोगिता समझाई और प्रायोगिक रूप से ध्यान का प्रशिक्षण भी प्रदान किया। मुनि जयदीप कुमार जी ने आचार्य महाप्रज्ञ जी पर आधारित गीतिका का संगान किया। 'संस्कारमय हो हमारी जीवनशैली' विषय पर आधारित इस शिविर में लगभग 70 बच्चों का पंजीकरण हुआ। शिविर में योग, प्रेक्षा ध्यान एवं मुनिश्री द्वारा दिए गए विभिन्न प्रवचन सत्रों का बच्चों ने भरपूर लाभ उठाया। इस अवसर पर ज्ञानशाला के बच्चों द्वारा मुनिश्री के समक्ष मनोहारी प्रस्तुतियाँ दी गईं। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन ने भी कार्यक्रम में अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।
अपने वक्तव्य में मुनि अर्हत कुमार जी ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ जी को चार वस्तुएं अत्यंत प्रिय थीं – टॉर्च, कंघा, घड़ी और दर्पण। उन्होंने इन वस्तुओं की गूढ़ व्याख्या करते हुए कहा कि टॉर्च आत्मप्रकाश का प्रतीक है, कंघा समस्याओं को सुलझाने का संकेत देता है, घड़ी समय प्रबंधन की प्रेरणा देती है और दर्पण आत्मनिरीक्षण अर्थात प्रेक्षाध्यान का प्रतीक है। मुनिश्री ने इन्हीं उदाहरणों के माध्यम से आचार्य महाप्रज्ञ जी के जीवन की गहराइयों से परिचय कराया।
कार्यक्रम के दौरान जंगमपुरा ट्रस्ट मंडल की ओर से स्वर्गीय दिलीप छाजेड़ की स्मृति में दो विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई। यह छात्रवृत्ति ट्रस्टी रमेश कोठारी, निर्मल नाहटा एवं ज्योति छाजेड़ द्वारा प्रदान की गई। कार्यक्रम का सफल संचालन तेरापंथ सभा के मंत्री राकेश भंडारी द्वारा किया गया। अंत में आभार ज्ञापन तेरापंथ सभा की ज्ञानशाला प्रभारी अंजु कठोतिया द्वारा किया गया।