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आचार्य महाप्रज्ञ का 106वा जन्मदिवस
बोरावड़। 'शासनश्री' साध्वी मधुरेखा जी के सान्निध्य में आचार्य महाप्रज्ञ जी का 106वाँ जन्मदिवस समारोहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें कन्या मंडल, तेरापंथ महिला मंडल, तेरापंथ युवक परिषद और ज्ञानशाला के बच्चों ने अपनी प्रस्तुतियाँ दीं। कार्यक्रम का शुभारंभ कन्या मंडल की कनिष्का कोटेचा के मंगलाचरण से हुआ। तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा हर्षा चोरड़िया एवं भारती कोटेचा ने सामूहिक गीतिका प्रस्तुत की। सभा अध्यक्ष नेमीचंद गेलड़ा और तेरापंथ युवक परिषद के मंत्री अमित लोढ़ा सहित ज्ञानशाला के बच्चों ने मनमोहक प्रस्तुतियाँ दीं। प्रकाश लोढ़ा और भावना कोटेचा ने अपने विचारों की अभिव्यक्ति के साथ गीतिका प्रस्तुत की।
साध्वी लोकोत्तरप्रभा जी ने आचार्य महाप्रज्ञ के संस्मरण सुनाते हुए एक कविता प्रस्तुत की। साध्वी सुव्रतयशा जी ने आचार्य महाप्रज्ञ के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने आचार्य भिक्षु के सिद्धांतों एवं विचारों को देश-विदेश तक पहुँचाया और आचार्य तुलसी के आयामों को जन-जन तक पहुँचाया। उन्होंने आचार्य महाप्रज्ञ के चिंतन की गहराई और वाणी की मिठास का भी उल्लेख किया। शासनश्री' साध्वी मधुरेखा जी ने अपने उद्बोधन में आचार्य महाप्रज्ञ को प्रज्ञा का शिखर पुरुष बताया। उन्होंने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ ने प्रज्ञा का अमृत बांटा, जिसका अमृतपान कर आज हम शांति का अनुभव करते हैं। उन्होंने आचार्य महाप्रज्ञ के छोटे से गाँव में जन्म लेने और विषम परिस्थितियों के बावजूद प्रज्ञावान बनने की प्रेरणादायक कहानी भी साझा की। इस अवसर पर 80 भाई-बहनों ने विविध प्रकार के प्रत्याख्यान किये। कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी मधुयशा जी ने किया।