आचार्य महाप्रज्ञ के हर ग्रंथ में है जीवन को बदल देने की शक्ति

स्वाध्याय

वाणियंबाड़ी (तमिलनाडू)।

आचार्य महाप्रज्ञ के हर ग्रंथ में है जीवन को बदल देने की शक्ति

वाणियंबाड़ी (तमिलनाडू)। वाणियंबाड़ी में आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी की 106वीं जन्म जयंती समारोह श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मुनि रश्मिकुमार जी के सान्निध्य में संपन्न हुआ। इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में 'द इंडियन एक्सप्रेस' समाचार पत्र के संस्थापक रामनाथ गोयनका के पौत्र प्रशांत गोयनका की विशेष उपस्थिति रही। समारोह का शुभारंभ दिलीप बाफना द्वारा स्वागत भाषण के साथ हुआ। मुनि रश्मिकुमार जी ने आचार्य महाप्रज्ञ जी के प्रेरणादायक जीवन चरित्र, दीक्षा प्रक्रिया, त्यागमय जीवनशैली एवं आध्यात्मिक साधना की महत्वपूर्ण घटनाओं को सरल एवं प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि आचार्य महाप्रज्ञ जी ने 300 से अधिक ग्रंथों की रचना की, जिनमें जीवन को दिशा देने और परिवर्तन की शक्ति समाहित है।
कार्यक्रम के दौरान वाणियंबाड़ी महिला मंडल द्वारा एक भावपूर्ण प्रस्तुति दी गई, जबकि ज्ञानशाला के बच्चों ने बाल महाप्रज्ञ के वैराग्य जागरण और आचार्य कालूगणी जी से दीक्षा प्राप्त करने की घटनाओं को नाट्य रूपांतरण के माध्यम से अत्यंत सुंदर रूप में प्रस्तुत किया। इस विशेष आयोजन में वाणियंबाड़ी सहित गुड़ियात्तम, मायावरम, कृष्णागिरी, मादनूर, तिरुपत्तूर आदि क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रावक-श्राविकाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में वाणियंबाड़ी तेरापंथ सभा अध्यक्ष चंद्रप्रकाश दूगड़, महेंद्र दूगड़, दिलीप बाफना, धीरज बाफना, नरेंद्र दूगड़ सहित अनेक कार्यकर्ताओं का सक्रिय सहयोग रहा।