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सम्मान समारोह हुआ आयोजित
उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमलकुमारजी एवं मुनि श्रेयांसकुमार जी के सान्निध्य में आचार्य तुलसी शिक्षा परियोजना के अंतर्गत तत्त्वज्ञान एवं तत्त्वविज्ञ परीक्षार्थियों, विहार सेवा करने वाली बहनों तथा निबंध प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को पुरस्कृत एवं सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुनि कमलकुमार जी ने प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि तत्त्वज्ञान अर्जित करना बड़ी बात नहीं है, बल्कि बड़ी बात यह है कि उसे सीखकर दूसरों को सिखाया जाए और स्वयं अपने जीवन में धारण किया जाए। मुनिश्री ने कहा कि हमें आचार्य तुलसी के प्रति कृतज्ञ होना चाहिए, जिन्होंने हमारे धर्मसंघ में साध्वियों तथा बहनों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया, और आज जो दृश्य हम देख रहे हैं, वह उन्हीं के परिश्रम का फल है।
अध्यक्षा संजू लालानी ने सभी का स्वागत किया तथा अपने तत्त्वज्ञान से जुड़ने के नौ वर्षों का अनुभव साझा किया। प्रदीप ललवानी और रेखा चोरड़िया ने भी अपने अनुभव साझा किए और सभी से निवेदन किया कि अपने जीवन में कुछ समय स्वाध्याय के लिए नियोजित करें। तत्त्वज्ञान प्रभारी चंचल चोरड़िया ने बताया कि गत वर्ष रेखा चोरड़िया ने तत्त्वज्ञान भाग 2 में अखिल भारतीय स्तर पर प्रथम स्थान तथा प्रदीप ललवानी एवं विनीता नाहटा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया, जो गंगाशहर के लिए गौरव की बात है। तत्त्वविज्ञ बनने वाली दो बहनों — रक्षा बोथरा और शारदा छाजेड़ — का अभिनंदन भी तेरापंथ महिला मंडल द्वारा किया गया। तत्त्वज्ञान परीक्षा में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया गया।
इसी क्रम में 'पानी या हमारा जीवन पानी-पानी' विषय पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में सुप्रिया राखेचा, रेखा चोरड़िया एवं कमलेश सामसुखा ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया। इन सभी को तथा प्रतियोगिता में भाग लेने वाली अन्य प्रतिभागियों को भी पुरस्कृत किया गया। वर्षों से विहार सेवा में अपना श्रम व समय नियोजित करने वाली बहनों — आशा देवी बैद, शायर देवी पुगलिया, कांता देवी बोथरा, बरजी देवी चोपड़ा, मंजू देवी, किरण देवी आंचलिया आदि — का भी सम्मान किया गया। शायर देवी पुगलिया ने इस अवसर पर अपने विचार भी व्यक्त किए। कार्यक्रम का सफल संचालन तेरापंथ महिला मंडल मंत्री मीनाक्षी आंचलिया द्वारा किया गया।