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विकास के लिए आवश्यक होता है परिवर्तन
तेरापंथ महिला मंडल सूरत का शपथ विधि समारोह डॉ. प्रोफेसर साध्वी मंगलप्रज्ञा जी के सान्निध्य में अनिल चंडालिया के निवास स्थान पर आयोजित किया गया। साध्वीश्री द्वारा नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से समारोह की शुरुआत हुई। साध्वीश्री ने अपने उद्बोधन में कहा - विकास और परिवर्तन एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। विकास के लिए परिवर्तन आवश्यक है। सुचिंतित परिवर्तन से ही विकास संभव है। संगठन के सदस्यों को मृदुभाषी, चरित्रवान और व्यवहार कुशल होना चाहिए। आज के मैनेजमेंट के नए युग में नई सोच जोड़नी चाहिए। होश और जोश दोनों ही विकास के चरणों को आगे गतिमान करने के लिए आवश्यक हैं। आलोचना से घबराना नहीं चाहिए, समालोचना पर ध्यान देना चाहिए। सफलता के लिए हमें मिलकर काम करना है। हमें आकाश से ऊंचा संघ का नाम करना है।
साध्वी सुदर्शन प्रभा जी ने अपने वक्तव्य में कहा - आज महिला मंडल के लिए त्यौहार का दिन है। साध्वीश्री के सान्निध्य में यह त्यौहार मनाने का मौका मिला, यह आपका सौभाग्य है। यह कार्यकाल नई रेखाएं खींचे और नए सृजन करें। नई टीम के निर्वाचन के अवसर पर साध्वी सुदर्शनप्रभा जी, साध्वी अतुलयशा जी, साध्वी राजुलप्रभाजी, साध्वी चैतन्यप्रभा जी, साध्वी शौर्यप्रभाजी ने मधुर गीतिका की प्रस्तुति दी। नवनिर्वाचित अध्यक्ष प्रतीक्षा बोथरा ने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा कि हमें देव, गुरु, धर्म के प्रति समर्पित रहना है। गुरु इंगित को समझ कर संघ सेवा की दिशा में आगे कार्य करना है। उन्होंने अपनी नई टीम की घोषणा की। निवर्तमान अध्यक्ष चंदा भोगर ने नवनिर्वाचित टीम को शपथ दिलवाई। अभातेममं की ट्रस्टी कनक बरमेचा ने शुभकामनाएं देते हुए कहा, ऊर्जा का गोपन न करते हुए नए कीर्तिमान बनाएं। सभा अध्यक्ष हजारीमल भोगर ने कहा - ट्रस्ट बोर्ड और सभा हमेशा आपके साथ हैं। तेयुप अध्यक्ष नमन मेडतवाल ने भी शुभकामनाएं प्रेषित कीं। मंगलाचरण तेरापंथ महिला मंडल सूरत की बहनों द्वारा किया गया। आभार ज्ञापन मंत्री बिंदु भंसाली ने किया। मंच का संचालन मनीषा सेठिया द्वारा किया गया।