आचार्य भिक्षु जन्म त्रिशताब्दी वर्ष, वर्षावास स्थापना एवं तेरापंथ स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में विविध आयोजन

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घाटकोपर

आचार्य भिक्षु जन्म त्रिशताब्दी वर्ष, वर्षावास स्थापना एवं तेरापंथ स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में विविध आयोजन

घाटकोपर स्थित तेरापंथ सभा भवन में आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासनश्री' साध्वी कंचनप्रभा जी के सान्निध्य में आचार्य भिक्षु के 300वें जन्म दिवस, बोधि दिवस, गुरु पूर्णिमा एवं तेरापंथ स्थापना दिवस के अवसर पर विविध आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन श्रद्धा और उत्साह के साथ किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत साध्वी वृंद द्वारा नमस्कार महामंत्रोच्चार, विशेष जप और गीत संगान से हुई। 'शासनश्री' साध्वी कंचनप्रभा जी ने आचार्य भिक्षु को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे जैन आगमों के गहन मर्मज्ञ एवं व्याख्याता थे। उन्होंने कहा कि आत्म-साधना के पथ में संयम और अहिंसा ही स्वीकार्य हैं, और भगवान महावीर की वाणी में साध्य के अनुसार साधन की भी उतनी ही मूल्यवत्ता है। 'शासनश्री' साध्वी मंजुरेखाजी ने बताया कि मां दीपा के आंगन में दिव्य संकेतों के साथ जन्मे आचार्य भिक्षु ने समता, ज्ञान, दर्शन और चारित्र की शुद्ध आराधना की। चातुर्मास स्थापना के अवसर पर साध्वी कंचनप्रभा जी ने कहा कि मर्यादित व अनुशासित जीवन आत्म-उत्कर्ष का आधार है। आचार्य भिक्षु ने तेरापंथ धर्मसंघ की दीर्घजीविता हेतु मर्यादाओं का निर्माण कर साधना के सूत्र प्रदान किए। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर साध्वी कंचनप्रभा जी ने कहा कि आज से 266 वर्ष पूर्व आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन आचार्य भिक्षु ने चारित्र का पुनः प्रत्याख्यान कर एक महान धर्म क्रांति का सूत्रपात किया। उनके साथ बारह मुनियों ने मिलकर जिस साधना-पथ को अंगीकार किया, वह आज तेरापंथ धर्मसंघ के रूप में प्रतिष्ठित है। वर्तमान में इस अनुशासित संघ में लगभग 750 साधु-साध्वियाँ एक गुरु की अनुशासना में साधना कर रहे हैं। साध्वी मंजुरेखा जी ने गुरु पूर्णिमा को भारतीय संस्कृति का पावन पर्व बताते हुए आचार्य भिक्षु की उत्तराधिकारी परंपरा के वर्तमान अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी को श्रद्धा से नमन किया। साध्वी उदितप्रभा जी, साध्वी निर्भयप्रभा जी एवं साध्वी चेलनाश्री जी ने अपने भावों द्वारा उपस्थित श्रावक समाज को भावविभोर किया। साध्वीवृंद ने सामूहिक गीतों के माध्यम से आचार्य श्री भिक्षु को श्रद्धांजलि अर्पित की और रात्रि में धम्म जागरण में भक्ति-पारायण गीतों का संगान कर वातावरण को भक्ति से परिपूर्ण किया। इस अवसर पर महिला मंडल की ओर से भी भावपूर्ण प्रस्तुतियां दी गईं। कार्यक्रम में नरेंद्र तातेड़, उपासक मालचंद भंसाली, मनोहर गोखरू, हस्तीमल डांगी, महिला मंडल अध्यक्षा मंजु बड़ाला, मंत्री नीतू डांगी सहित अनेक धर्म प्रेमी श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहे।