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मातृत्व कार्यशाला का हुआ सुंदर आयोजन
'शासनश्री' साध्वी कंचनप्रभाजी के सान्निध्य में श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ महिला मंडल, चेंबूर द्वारा अध्यक्ष मनीषा कोठारी की अध्यक्षता में 'मातृत्व कार्यशाला' का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय था — 'मातृत्व है एक वरदान – रखना हर हाल में इसका ध्यान।' इस कार्यशाला का उद्देश्य था — गर्भावस्था के दौरान महिला के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक पक्ष को संतुलित करते हुए भावी संतान के संस्कारों की नींव मजबूत करना। कार्यक्रम की शुरुआत 'शासनश्री' साध्वी कंचनप्रभा जी द्वारा नमस्कार महामंत्र से की गई, और मंडल की बहनों द्वारा प्रेरणा गीत के मधुर स्वरों से वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया।
'शासनश्री' साध्वी मंजूरेखा जी ने मुख्य वक्तव्य में मातृत्व के सात प्रमुख बिंदुओं को सरल और भावपूर्ण शैली में प्रस्तुत किया। विचार बिंदुओं में शामिल थे — मां की सोच, जीवन शैली और व्यवहार का गर्भस्थ शिशु पर प्रभाव; कोख को मंदिर समान मानना; धर्म, ध्यान और आस्था का महत्व; मातृत्व को एक साधना और संस्कार देने की प्रक्रिया मानना; Motherhood Journey – Emotional Wellness और Nutritional Harmony for Divine Child जैसे विषयों को सरल उदाहरणों के साथ प्रस्तुत किया गया। कार्यशाला की विशेष प्रस्तुति रहा मूक नाटक, जिसमें मां की सोच, आहार और धर्म–ध्यान का प्रभाव चित्रात्मक ढंग से दर्शाया गया। गीत प्रस्तुति, प्रेरक वीडियो क्लिप और एक्टिविटी राउंड ने कार्यशाला को और भी जीवंत बना दिया। विशेष रूप से 'गर्भ से ही संस्कार' विषय पर आधारित रोल-प्ले और क्विज़ में बहनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यशाला का संचालन मंत्री बेला डांगी द्वारा अत्यंत कुशलता से किया गया और समापन में रेखा डागलिया ने सभी का आभार व्यक्त किया।