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चातुर्मास मंगल प्रवेश एवं दीक्षार्थी अभिनंदन समारोह
आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी संयमलता जी आदि ठाणा-4 ने प्रेमबाई महावीर गौतम टेबा के निवास से विहार कर भिक्षु चेतना रैली के माध्यम से विजयनगर स्थित तेरापंथ सभा भवन में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश किया। कार्यक्रम की शुरुआत नमस्कार महामंत्र और मंगलाचरण से हुई। साध्वीश्री ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह स्वागत समारोह त्याग और तपस्या का है, आचार्यश्री की कृपा का है, जिन्होंने विजयनगर को चातुर्मास प्रदान किया। उन्होंने त्याग के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत की असली शक्ति संतों में है और चातुर्मास आत्मिक जागरण का श्रेष्ठ अवसर है। साध्वी मार्दवश्री जी ने कहा कि जीवन की तमाम तलाशें तभी पूर्ण होती हैं जब आत्म-चिंतन जुड़ जाए। उन्होंने तकनीक के उपयोग में सजग रहने की प्रेरणा भी दी। साध्वी वृंद ने भावपूर्ण गीतिका प्रस्तुत की, वहीं साध्वी मनीषाप्रभाजी और साध्वी रौनकप्रभाजी ने चातुर्मासिक कार्यक्रमों का परिचय शब्दचित्र के माध्यम से दिया। सभा अध्यक्ष मंगल कोचर ने सभी का स्वागत करते हुए आगामी आयोजनों की जानकारी दी और सहयोगी परिवारों का आभार प्रकट किया। दीक्षार्थी बहन भावना बाफणा ने अपने अनुभव साझा किए और सभा द्वारा उनका अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर विधायक एम. कृष्णप्पा, महासभा के पूर्व अध्यक्ष हीरालाल मालू, महासभा, अभातेयुप, अभातेममं, टीपीएफ, अणुव्रत समिति से जुड़े राष्ट्रीय पदाधिकारी एवं कार्यकर्त्ता, अर्हम मित्र मंडल अध्यक्ष बहादुर सेठिया, ट्रस्ट अध्यक्ष पुखराज मालू सहित कई गणमान्यजन उपस्थित रहे। सभा द्वारा आचार्य भिक्षु जन्म त्रिशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में मार्ग का नाम आचार्य भिक्षु के नाम पर रखने हेतु विधायक को आवेदन पत्र सौंपा गया। इसी क्रम में काव्यधारा कार्यक्रम और तेयुप द्वारा मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव के बैनर का अनावरण तथा पुस्तक ‘पथ चुने कौन सा’ का विमोचन भी हुआ। कार्यक्रम का संचालन मंत्री दिनेश हिंगड़ ने किया।