‘आओ खुशियों के फूल खिलाए’ कार्यशाला का आयोजन

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संगरूर।

‘आओ खुशियों के फूल खिलाए’ कार्यशाला का आयोजन

साध्वी प्रांजलप्रभा जी के सान्निध्य में स्थानीय तेरापंथ युवक परिषद् के तत्वावधान में ‘आओ खुशियों के फूल खिलाएं’ कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए साध्वीश्री ने कहा कि व्यक्ति अकेला जन्म लेता है और अकेला ही मरता है, परंतु जीवन अकेले नहीं जीता — वह अनेक लोगों के साथ संबंध जोड़कर जीता है। यदि ‘संबंध’ शब्द को जीवन से निकाल दिया जाए, तो जीवन में जीवन ही नहीं बचेगा। हम संबंधों की दुनिया से अलग होकर जीवन नहीं जी सकते। इसलिए रिश्तों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने के लिए यह आवश्यक है कि हम पहले रिश्तों को समझें। रिश्तों पर चर्चा करते हुए साध्वीश्री ने दो प्रकार के रिश्तों — इंटर रिलेशनशिप (बाह्य संबंध) और इंट्रा रिलेशनशिप (आंतरिक संबंध) की विवेचना की।
स्थानीय महिला मंडल और कन्यामंडल ने एक नए अंदाज में रोचक परिसंवाद की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम को जीवंत बनाया। युवक परिषद् के सदस्यों द्वारा मंगलाचरण के माध्यम से वातावरण को मंगलमय बनाया गया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी मध्यस्थप्रभा जी ने किया, जबकि साध्वी रुचिप्रभा जी और साध्वी गौतमप्रभा जी ने भावपूर्ण गीतों की प्रस्तुति देकर सभी को भावविभोर कर दिया।
तेयुप के अध्यक्ष अमन जैन ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया और स्थानीय तेरापंथ सभा के अध्यक्ष अमरनाथ जैन ने आभार ज्ञापन किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में जैन एवं जैनोत्तर समाज के भाई-बहनों ने भाग लिया।