आचार्य भिक्षु जन्म त्रिशताब्दी वर्ष, वर्षावास स्थापना एवं तेरापंथ स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में विविध आयोजन

संस्थाएं

पीतमपुरा

आचार्य भिक्षु जन्म त्रिशताब्दी वर्ष, वर्षावास स्थापना एवं तेरापंथ स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में विविध आयोजन

भिक्षु चेतना वर्ष के पावन अवसर पर पीतमपुरा सभा द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ 'शासनश्री' साध्वी सुव्रताजी के सान्निध्य में हर्षोल्लास के साथ हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वीश्री द्वारा नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से हुआ। तत्पश्चात केंद्र द्वारा निर्देशित भक्ति गीत 'भिक्षु म्हारे प्रगट्या जी' का भावपूर्ण सामूहिक संगान किया गया। इसके पश्चात सामूहिक रूप से 'ॐ भिक्षु जय भिक्षु' का ऊर्जावान जाप करते हुए सभी भिक्षुमय वातावरण में लीन हो गए। मंगलाचरण का संगान साध्वी चिंतनप्रभाजी ने किया। साध्वी कार्तिकप्रभाजी ने भी आराध्य भिक्षु स्वामी पर हृदयस्पर्शी गीतिका से सभी को भावविभोर कर दिया। 'शासनश्री' साध्वी सुमनप्रभा जी ने आचार्य भिक्षु के जन्म, उनकी धर्मक्रांति एवं उनके असाधारण तप-त्याग की भावपूर्ण व्याख्या प्रस्तुत की। आपने बताया कि किस प्रकार उनके अदम्य साहस और सहनशीलता के कारण आज हम सभी को यह महान आध्यात्मिक राजमार्ग उपलब्ध है। सभा की ओर से विशेष स्क्रीन की व्यवस्था की गई, जिस पर परम पूज्य आचार्य श्री महाश्रमण जी के अहमदाबाद से लाइव प्रवचन का श्रवण किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों में शालीमार बाग सभा की अध्यक्षा सज्जन गिड़िया, मानसरोवर गार्डन सभा के अध्यक्ष नरेंद्र पारिख, कीर्ति नगर सभा के अध्यक्ष मनोज सुराणा, पश्चिम दिल्ली महिला मंडल की अध्यक्षा चंदा डूंगरवाल, मध्य दिल्ली महिला मंडल की अध्यक्षा कनक चोपड़ा आदि ने अपने आराध्य के प्रति भावांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का संचालन पीतमपुरा सभा मंत्री वीरेंद्र जैन ने कुशलता पूर्वक किया। सांयकाल आयोजित धम्म जागरण कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से सम्पूर्ण वातावरण को भिक्षुमय बना दिया। तेरापंथ स्थापना दिवस के कार्यक्रम का शुभारंभ त्रिनगर की बहनों द्वारा मंगलाचरण से हुआ। साध्वी कार्तिकप्रभाजी एवं साध्वी चिंतनप्रभाजी ने सुमधुर गीतिकाओं का संगान किया। 'शासनश्री' साध्वी सुमनप्रभाजी ने राजस्थानी गीतिका के माध्यम से तेरापंथ की महत्ता और उसकी अध्यात्म-यात्रा का मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया। 'शासनश्री' साध्वी सुव्रता जी ने अपने प्रवचन में भिक्षु दृष्टांतों के माध्यम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। शालीमार बाग की बहनों द्वारा प्रस्तुत गीतिका ने कार्यक्रम में भक्ति की सरिता प्रवाहित की। विशिष्ट अतिथियों में महासभा के उपाध्यक्ष संजय खटेड़, कमल बैंगानी, शालीमार बाग की अध्यक्षा सज्जन गिड़िया, मानसरोवर गार्डन के अध्यक्ष नरेंद्र पारिख, कीर्ति नगर सभा के अध्यक्ष मनोज सुराणा एवं पीतमपुरा के सभा मंत्री वीरेंद्र जैन ने भी अपने उद्गार व्यक्त किए। साध्वीश्री की प्रेरणा से इस त्रिदिवसीय कार्यक्रम के दौरान लगभग 30 से अधिक श्रद्धालुओं ने तेले की तपस्या का अनुष्ठान किया।