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प्रथम बार 300 घंटा अखंड ॐ भिक्षु-जय भिक्षु का जप अनुष्ठान
युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि जिनेश कुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में आचार्य श्री भिक्षु जन्म त्रिशताब्दी वर्ष शुभारंभ के अवसर पर 300 घंटा अखंड ॐ भिसु-जय भिक्षु का जप अनुष्ठान पूर्वांचल - कोलकाता में भिक्षु विहार डिविनिटी पवेलियन के जप कक्ष में सानंद सम्पन्न हुआ। मुनिश्री की प्रेरणा से लगभग 13 दिन चले अखंड जप में बृहत्तर कोलकाता को संघीय संस्थाओं के सदस्यों ने जप कक्ष में जप कर प्रथम बार आयोजित हुए जप यज्ञ में अपनी आहुति दी।
इस जप यज्ञ में कुल 1055 श्रावक-श्राविकाओं ने हिस्सा लिया। प्रतिदिन जपकर्ता की गणना के अनुसार 3330 व्यक्तियों ने जप किया। इस जप यज्ञ में 2454 सामायिक हुई। जपकक्ष से निकल रही लयबद्ध मधुर ध्वनि से भिक्षु विहार गुंजायमान बनता रहा। 8 जुलाई को प्रात: 5 बजे से प्रारंभ हुआ जप 20 जुलाई को रात्रि 8.00 बजे सम्पन्न हुआ। जप सम्पन्नता के समय अवसर पर मुनिवृंद भी जप में शामिल हुए। मुनिश्री के मंगलपाठ के साथ यह ऐतिहासिक जप अनुष्ठान सानंद सम्पन्न हुआ। इस अनुष्ठान को सफल बनाने में जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा पूर्वांचल कलकत्ता/ ट्रस्ट , तेरापंथ महिला मंडल, तेरापंथ युवक परिषद्, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम का महत्वपूर्ण योगदान रहा। साथ बृहत्तर कोलकाता की प्रायः सभी संस्थाओं का भी योगदान रहा।