शांतिमय जीवन के लिए है अनुशासन का महत्व

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उदयरामसर।

शांतिमय जीवन के लिए है अनुशासन का महत्व

आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमल कुमार जी ने आज उदयरामसर स्थित श्री शिव प्रताप बजाज महात्मा गाँधी राजकीय विद्यालय में बच्चों को उद्बोधन देते हुए कहा कि ज्ञान बांटने से बढ़ता है। विद्वान का सब जगह सम्मान बढ़ता है। ज्ञान से कभी भार नहीं होता व ज्ञान कभी बेकार नहीं होता। ज्ञान से शांति मिलती है, प्रतिष्ठा बढ़ती है। मुनि श्री ने कहा कि इस स्कूल के बच्चे संस्कारी है। आचार्य श्री तुलसी के कथन 'निज पर शासन फिर अनुशासन' को बताते हुए उन्होने कहा कि शांतिमय जीवन व्यतीत करने के लिए अनुशासन का बहुत महत्व है। प्रत्येक विद्यार्थी अपना जीवन अनुशासनमय व्यतीत करे। किसी भी राष्ट्र का चतुर्दिक विकास अनुशासन पर ही निर्भर है। अनुशासन एवं मर्यादा के द्वारा मानसिक एवं बौद्धिक विकास होता है। भारत देश को राम के देश के नाम से भी जाना जाता है। भगवान राम मर्यादा ओर अनुशासन के पर्याय थे। आचार्य श्री भिक्षु ने भी मर्यादा ओर अनुशासन की अलख जगाने का कार्य किया। मुनि श्री ने बच्चों को जानकारी देते हुए अणुव्रत के नियमों को अपनाने की प्रेरणा प्रदान की। प्राचार्य रतनलाल छलाणी ने स्वागत वक्तव्य देते हुए स्कूल में हुऐ विकास कार्यों की चर्चा की। वरिष्ठ पत्रकार जैन लूणकरण छाजेड़ व तेरापंथी सभा के मंत्री जतन लाल संचेती ने भी अपने विचार रखे।