भव्य चातुर्मास प्रवेश एवं विशाल मर्यादा रैली का आयोजन

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सिटीलाइट।

भव्य चातुर्मास प्रवेश एवं विशाल मर्यादा रैली का आयोजन

महातपस्वी युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की शिष्या प्रो. डॉ. साध्वी मंगलप्रज्ञाजी का सिटीलाइट स्थित तेरापंथ भवन में भव्य चातुर्मास प्रवेश हुआ। साध्वी मंगलप्रज्ञाजी अपनी सहवर्तिनी साध्वियों के साथ देवराज रेजीडेंसी, न्यू सिटीलाइट से विशाल मर्यादा रैली के साथ विहार कर तेरापंथ भवन, सिटीलाइट पधारीं। रैली का आयोजन श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, सूरत द्वारा किया गया था। तेरापंथी सभा के अतिरिक्त युवक परिषद, महिला मंडल, अणुव्रत समिति, उपासक श्रेणी, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम, कन्या मंडल, किशोर मंडल, ज्ञानशाला के बच्चे एवं बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। साध्वीश्री के स्वागत एवं अभिनंदन के अवसर पर अपने प्रो. डॉ. साध्वी मंगलप्रज्ञाजी ने कहा – आज का अवसर हमारे लिए एक पुण्यप्रभात के समान है, क्योंकि गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमणजी ने हमें सूरत में चातुर्मास करने का आदेश दिया था और आचार्यवर के आदेश की आज संपूर्ति हो रही है, इसकी हमें बहुत प्रसन्नता हो रही है। सूरत डायमंड नगरी एवं सिल्क सिटी के रूप में प्रसिद्ध है। यहां के श्रावक समुदाय का धर्म के प्रति विशेष लगाव है। आज यहां मर्यादा रैली का आयोजन किया गया। यह रैली कोई साधारण रैली नहीं थी, यह तेरापंथ की आन-बान-शान का प्रतीक है। वर्ष 2003 में आचार्य श्री महाप्रज्ञजी का ऐतिहासिक चातुर्मास यहां हुआ था और वर्ष 2024 में आचार्य श्री महाश्रमणजी का चातुर्मास यहीं हुआ था। आज हमने चातुर्मास प्रवेश किया है। यह हमारा प्रवेश नहीं है बल्कि गुरु दृष्टि के प्रवेश करने का अवसर है। प्रकृति ने भी आज सुंदर सहयोग किया है। यह तथ्य कि पूरे विहार मार्ग पर बारिश नहीं हुई और तेरापंथ के प्रवेश द्वार पर पहुंचते ही अमी वर्षा हो गई, वास्तव में यह एक शुभ संकेत है।
साध्वीश्री ने आगे कहा कि सूरत शहर को त्याग और तपस्या के माध्यम से और भी खूबसूरत बनाना है। उधना में चातुर्मासार्थ विराजित 'शासनश्री' साध्वी मधुबालाजी ने साध्वी मंगलप्रज्ञाजी के चातुर्मास प्रवेश के अवसर पर अपनी दो साध्वियों को भेजा। इनमें से साध्वी मंजुलयशाजी ने अपने वक्तव्य में कहा – प्रो. डॉ. साध्वी मंगलप्रज्ञाजी विदुषी साध्वीजी हैं। उन्होंने राजस्थान के लाडनूं में जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में सेवाएं दी हैं और तेरापंथ की समण श्रेणी की मुख्य नियोजिका के रूप में भी अमूल्य सेवाएं प्रदान की हैं। आशा है कि उनकी उपस्थिति और प्रेरणा यहां श्रोताओं में वैराग्य की भावना पैदा करती रहेगी। उम्मीद है कि सूरत के श्रावक-श्राविकाएं साध्वीश्री की विद्वत्ता और प्रेरक प्रवचनों का अधिकतम लाभ उठाएंगे। साध्वीवृंद द्वारा समूह गायन एवं समूह परिसंवाद की रोचक प्रस्तुति दी गई। महिला मंडल ने मंगलाचरण किया तथा अध्यक्ष हजारीमल भोगर ने स्वागत भाषण दिया। समाज के विभिन्न संगठनों ने साध्वीश्री के स्वागत में अपनी संयुक्त भावाभिव्यक्ति की। कार्यक्रम का संचालन तेरापंथी सभा के मंत्री महेंद्र गांधी मेहता ने किया।